Stock Market Outlook: पिछले काफी समय से हम आपको ऐसा मार्केट एनालिसिस बता रहे हैं जो बेहद बड़ी रिसर्च और अनुभव के आधार पर निकाला गया है. बाजार की चाल आगे कैसे रहने वाली है इस पर CNI रिसर्च के सीएमडी किशोर ओस्तवाल ने अपनी राय दी है और  शेयर बाजार के आगे के आउटलुक पर अपना अनुमान दिया है. 


CNI Research के किशोर ओस्तवाल की राय


बाजार और दलाल स्ट्रीट के लोग चीन के कोविड संकट और लॉकडाउन की आशंका से चिंतित हैं और इस बात पर भी हैरान हैं कि अमेरिकी बाजारों के डाओ जोंस क्यों 34,000 के पार चला गया है. पहली बार हम कमजोर डाओ फ्यूचर्स के प्रीमियम पर कारोबार करने का ट्रेंड देख रहे हैं. फेडरल रिजर्व के कदमों पर सबकी पैनी नजर है लेकिन ऐसा लग रहा है कि फेड बुल्स को फेवर कर रहे हैं जो लॉन्ग पोजीशन होल्ड कर रहे हैं. हालांकि फेड ने आधिकारिक तौर पर ये घोषणा कर दी है कि अब वो रेट में बढ़ोतरी को धीमा करेगा लेकिन मुझे ये विश्वास है कि साल 2023 में दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला थमेगा और रेट में कटौती का सिलसिला शुरू होगा जिसके बाद डाओ जोंस ऑलटाइम-हाई पर जा सकता है. इसके बाद वहां मुनाफवसूली शुरू होगी. मेरी राय में डाओ में दिसंबर 16 के बाद कॉमन सेटलमेंट होगा जिसमें अरबों की डॉलर ऑप्शन एक्सपायरी देखी जाएगी. डाओ का अगला टार्गेट 34632 का हो सकता है और बाजार में तेजी ही जारी रह सकती है. 


इन सब के अलावा एक और बात पर चर्चा हो रही है कि महंगाई में बहुत तेजी से आ रही गिरावट भी आर्थिक मंदी का डर पैदा करती है. अब जहां तक आर्थिक मंदी के डर की बात है तो निवेशक लॉन्ग करने से बचना चाहेंगे जिसके बाद एफपीआई तेजी से खरीदारी बढ़ाना चाहेंगे क्योंकि वो सारे तकनीकी पहलू होंगे. 


भारत के बाजार का कैसा रहेगा हाल
अब अगर भारतीय बाजार की बात करेंगे यहां एक्सपायरी के समय आश्चर्यजनक रूप से बाजार में मजबूती देखी गई है और ये 1 निफ्टी को 18,000 से ऊपर बनाए रखने में सफल हो चुके हैं. हालांकि घरेलू बाजारों की तेजी को लेकर हर तरफ बात हो रही है तो कोई भी इसे गिराना नहीं चाहेगा वर्ना ये ऑलटाइम-हाई लेवल को पार करना मुश्किल होगा. इससे दो फायदे होंगे- पहला ये एफपीआई लॉन्ग करने के लिए तैयार हैं और रिटेल इंवेस्टर्स ज्यादा पैसा नहीं लगाएंगे. मैं पिछले छह महीनों से कह रहा हूं कि साल 2022 में हम निफ्टी को ऑलटाइम हाई पर देखेंगे और ऐसा लग रहा है कि ये जल्द ही होगा. 


केवल एक निराशाजनक बात ये हो सकती है कि अगर 8 दिसंबर को बीजेपी 2 राज्यों में हार जाती है तो बाजार में गिरावट आ सकती है और अगर जीत जाती है तो 300 से 400 अंकों का ऊपरी मूवमेंट भी देखा जा सकता है. इसके अलावा इस गुरुवार को शानदार प्रदर्शन देखा गया जब निफ्टी के दिसंबर फ्यूचर्स में 18650 के लेवल पर क्लोजिंग देखी गई है. 


मेटल सेक्टर के लिए कैसा है आउटलुक
जैसा कि पहले भी कहा जा चुका है अगर चीन अपनी विकास दर को बढ़ाने के लिए कदम उठाता है तो ये मेटल सेक्टर के लिए पॉजिटिव संकेत होगा. इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने वाले उपाय लिए जाने पर स्टील और आयरन ओर की जरूरत होगी. भारत ने भी स्टील पर एक्सपोर्ट ड्यूटी उठा ली है जिससे स्टील कंपनियों को दाम बढ़ाने में आसानी होगी. मेटल कंपनियों के शेयरों के लिए भी 8 दिसंबर 2022 के बाद अच्छा मूवमेंट देखे जाने की उम्मीद है. खराब नतीजों के बावजूद टाटा स्टील का शेयर टूटा नहीं है जिसके चलते इस शेयर को देखना दिलचस्प होगा. मेरा नजरिया मेटल सेक्टर के लिए काफी बुलिश है.


आगे भी FPI की खरीदारी देखी जाएगी
नवंबर में एफपीआई की जमकर खरीदारी देखी गई है और इसके दिसंबर में भी जारी रहने की उम्मीद है. लंबी अवधि में मुझे निफ्टी के 37800 तक जाने की पूरी उम्मीद है और ये मैं 2020 से कहता आ रहा हूं. हालांकि इसके बाद क्या होगा, उसपर कुछ कहा नहीं जा सकता. कई एक्सपर्ट निफ्टी के 1 लाख के लेवल पर जाने की उम्मीद जताते हैं पर इसके लिए कुछ वैज्ञानिक आधार मेरे पास नहीं है. मैंने अपना खुद का एक सिस्टम बनाया है जो डेटा रीड करता है और जो रेडीमेड सॉफ्टवेयर में उपलब्ध नहीं हो सकता है. मेरा अध्य्यन कहता है कि बाजार में तेजी के लिए सारे कारण मौजूद हैं.


स्टॉक्स पर राय
किशोर ओस्तवाल का कहना है कि हम ऐसे स्टॉक्स नहीं बताना चाहते जो 20 फीसदी का रिटर्न तो दे सकते हैं पर साथ में 50 फीसदी की दिक्कतें भी देते हैं. एचडीएफसी बैंक, इंफोसिस और एचडीएफसी लाइफ इसके क्लासिक उदाहरण हैं. एचडीएफसी बैंक का उच्च स्तर 18 महीनों के बाद आया है पर इंफोसिस तो अभी भी कोसों दूर है. तो बेहतर है कि ऐसे शेयरों को या तो इंस्टीट्यूट्स के लिए छोड़ दिया जाए या डिविडेंड यील्ड के लिए रखा जाए. हम ऐसे शेयरों के बारे में कई बातें कर सकते हैं जो खराब हैं और आपका पैसा बढ़ाने में मदद नहीं कर सकते पर सीएनआई रिसर्च में हम ऐसे शेयरों की बात करते हैं जिन्हें आपको लंबे समय के लिए होल्ड करना चाहिए और जिनसे आपको बचना चाहिए.


लिहाजा हम सीएनआई रिसर्च में ऐसे शेयरों की चर्चा करते हैं जो क्लाइंट्स के लिए वैल्यू स्टॉक साबित हो पाएं और आगे चलकर ग्रोथ स्टॉक्स में तब्दील हो जाएं. हमने पहले ही कई बार ऐसे शेयरों के बारे में बताया है जो 100x, 200x तक बढ़ चुके हैं. हम ऐसे शेयरों के साथ रहना पसंद करते हैं जो कि अपनी फेयर वैल्यू के 70 से 90 फीसदी डिस्काउंट पर चल रहे हैं. 


कुछ शानदार वैल्यू वाले शेयर्स
उदाहरण के लिए GTV ट्रेडर्स भी 350 रुपये के भाव पर है जो इसके 100 करोड़ रुपये के मार्केट कैप को जस्टिफाई नहीं करता और इसका फेयर प्राइस नहीं है. इसके पावर, फूड और इंजीनियरिंग बिजनेस के लिए इसका मौजूदा भाव अंडरवैल्यूड है. इसका तो केवल इंजीनियरिंग बिजनेस ही 400-500 करोड़ रुपये के वैल्यू का है. इसको किसी भी इंजीनियरिंग कंपनी के साथ कंपेयर कर सकते हैं कि 100 करोड़ रेवेन्यू के साथ मार्केट कैप क्या है, हाई मार्जिन के साथ कैपिटल इंटेंसिव बिजनेस और एफीशिएंसी रेश्यो काफी कम रहेगा. वहीं पावर और फूड का अलग वैल्यूएशन होगा.


आकार ऑटो जो कि 4 वर्ल्ड क्लास प्लांट्स के साथ है उसका वैल्यू केवल 70-80 करोड़ का नहीं हो सकता है. ये कम से कम 10 गुना रिटर्न देने वाला शेयर है. इंटीग्रा जो कि इंजीनियरिंग, रेलवे, टेलीकम्यूनिकेशंस की एमएनसी वाली कंपनी है और इसकी जापानी पेरेंट कंपनी के 25 अरब डॉलर के ट्रे़ड के साथ अच्छी लगती है.


फेयर प्राइस से डिस्काउंट पर चल रहे ये शेयर
त्रिवेणी ग्लास, अल्पाइन हाउसिंग, मेटल कोटिंग्स, सुनील एग्रो, आर आर मेटल्स 15 से 60 करोड़ रुपये के ट्रेड पर चल रहे हैं, ये वास्तव में फेयर प्राइस से जोरदार डिस्काउंट पर मिल रहे हैं. उदाहरण के लिए रेडिंग्टन जो कि 12000 करोड़ रुपये का मार्केट कैप वाली कंपनी है उसको खरीदने का क्या पॉइंट है जब आप सेम बिजनेस मॉडल वाली बेहतर अनुशासन वाली कंपनी MK Exim को केवल 200 करोड़ रुपये के मार्केट कैप के जरिए खरीद सकते हैं. यहां आपके पास वैल्थ क्रिएट करने का मौका है.


नजरिया बदलने से होगा फायदा
अगर आप सफल निवेशक बनना चाहते हैं तो आपको अपना नजरिया बदलना होगा. आंचल इस्पात को हमने सबसे पहले 5 रुपये पर देखा था और आज ये शेयर 27 रुपये पर है यानी सीधा 550 फीसदी का रिटर्न. क्या आप किसी और ग्रोथ स्टॉक में इतना भारी रिटर्न हासिल कर सकते हैं? हमने सुजलॉन से 8 रुपये के शेयर की जगह आंचल इस्पात में 14 रुपये पर शिफ्ट किया और पैसा दोगुना हो गया.


ग्रोथ और वैल्यू स्टॉक में समझें अंतर
स्टॉक का सेलेक्शन हमेशा आपका फैसला होना चाहिए क्योंकि चाहे माइक्रोकैप शेयर हो या ग्रोथ स्टॉक, जोखिम तो हमेशा रहता है. कई बार ग्रोथ स्टॉक्स धराशायी हो जाते हैं और जीरो पर आ जाते हैं तो इससे ज्यादा रिस्क माइक्रोकैप में क्या ही होगा. उदाहरण के लिए जैन इरीगेशन का शेयर 135 रुपये से 3 रुपये पर आ चुका है और ये एफएंडओ का शेयर है तो क्या निवेशक खुद को बचा पाए? इसको दूसरे तरीके से देखें तो जानें कि आप कितनी खरीदारी कर सकते हैं? उदाहरण के लिए विष्णु का शेयर जिसमें हमने जब खरीदारी शुरू की तो 70 रुपये पर आप 20 लाख रुपये में 30,000 शेयर खरीद सकते थे और अब आप केवल 1000 शेयर खरीद सकते हैं. इसलिए आपको ग्रोथ स्टॉक और वैल्यू स्टॉक के बीच में क्लियर रणनीति रखनी चाहिए. वैल्यू स्टॉक ग्रोथ स्टॉक में बदल सकते हैं पर ग्रोथ स्टॉक सुपर ग्रोथ स्टॉक में नहीं बदल सकते हैं.


जोरदार रिटर्न देने वाला शेयर
जब भी कोई एनालिस्ट किसी कंपनी को देखता है तो ROE, ROCE, EPS और PE तो देखता है पर इसके एंफीशिएंसी रेश्यो को नहीं जांचता. इसीलिये माइक्रोकैप्स को हमेशा मिस कर जाते हैं. हालांकि शेयर जब 10 गुना बढ़ जाता है तो उसे लेने के लिए तैयार हो जाते हैं क्योंकि वो उनके क्राइटेरिया में फिट हो जाता है. अगर सफल होना है तो एक बिजनेसमैन की तरह निवेश करिए.  उदाहरण के लिए RDB रसायन ने पहले ही 26 करोड़ रुपये का एबिटा पहली छमाही में दिखाया है और वित्त वर्ष के लिए ये 55-60 करोड़ रुपये को पार कर सकता है. क्या ये स्टॉक अब अनदेखा कर सकते हैं? CNI की टीम ने इस  शेयर को 45 रुपये पर पहचान लिया था. यहां इसके बारे में इसलिए बता रहे हैं क्योंकि  ये धीमा रिस्पॉन्ड करता है पर फिर भी 150 फीसदी का रिटर्न देकर आपको बेहद सस्ते में मिल रहा है.


Disclaimer: यहां बताए गए बाजार के लेवल और शेयर्स CNI Research के शोध वाले शेयर्स हैं. निवेश करने से पहले अपने निवेश सलाहकार की सलाह अवश्य लें. किसी भी तरह के नुकसान के लिए ABPLive.com जिम्मेदार नहीं है.


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