Stock Market News:  क्या आप जानते हैं कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन के दौरान जब शेयर बाजार में भारी गिरावट आई तो बाजार को बाजार में संकट से बाहर निकालने और शेयर बाजार के एतिहासिक स्तर तक पहुंचाने में विदेशी निवेशकों या फिर संस्थागत निवेशकों का नहीं रहा है. बल्कि बाजार को संकट से उबारने और नई ऊंचाईयों तक ले जाने में रिटेल निवेशकों को सबसे बड़ा हाथ रहा है. 


शेयर बाजार में बीते दो सालों में विदेशी संस्थागत निवेशक या घरेलू संस्थागत निवेशकों ने सबसे ज्यादा निवेश नहीं किया है. बल्कि इसका सेहरा बंधा है देशों के छोटे निवेशकों के माथे पर. भारत का स्टॉक मार्केट यदि 3 ट्रिलियन डॉलर साइज का बना है वो भी कोरोना काल में इसका पूरा श्रेय रिटेल निवेशकों को जाता है. जिन्होंने सेंसेक्स को 27,000 से 61,000 तक ले जाने में मदद की है. 


नेशनल स्टॉक एक्सचेंज द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में रिटेल निवेशकों ने शेयर बाजार के कैश मार्केट में 1.42 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयरों की खरीदारी की है. जबकि इस दौरान संस्थागत निवेशकों ने 52500 करोड़ रुपये की शुद्ध रूप से बिकवाली की है. यानि 2021 में स्टॉक एक्सचेंज में 90,000 करोड़ रुपये का जो शुद्ध निवेश आया है वो रिटेल निवेशकों के जेब से आया है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के मुताबिक छोटे निवेशक, नॉन रेसीडेंट निवेशक, प्रॉपराईटर, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) रिटेल निवेशक के कैटगरी बाजार में संस्थागत निवेशकों से ज्यादा महत्वपूर्ण हो चुके हैं.  


रिटेल निवेशकों की शेयर बाजार में बढ़ती भागीदारी का अंदाजा कोरोना काल में इसी बात से लगाया जा सकता है कि मार्च 2019 में जहां 3.6 करोड़ डिमैट अकाउंट हुआ करते थे वो अब 8 करोड़ से ज्याा जा पहुंचा है. 2021 में बेंचमार्क इंडेक्स में 24 फीसदी की उछाल आई है. निफ्टी मिडकैप में 46 फीसदी और स्मॉलकैप में 60 फीसदी तेजी आई है. 


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