Wipro Share Price: कंपनी का शेयर प्राइस 52 हफ्ते के निचले स्तर पर, जानिए क्यों एक महीने में 18% तक गिरा
Wipro Share Price: देश की जानी मानी आईटी क्षेत्र में कारोबार करने वाली कंपनी विप्रो की आमदनी और मुनाफे दोनों में इजाफा हुआ है. बावजूद इसके शेयर में गिरावट आई है.
Wipro Share Price: विप्रो (Wipro) का शेयर ने शुक्रवार के इंट्रा -डे कारोबार में बीएसई (BSE) पर पिछले पांच दिनों की गिरावट को बढ़ाते हुए 3 प्रतिशत की गिरावट के साथ 52 हफ्ते के निचले स्तर 484 रुपये पर पहुंच गया. विशेषज्ञों के मुताबिक कंपनी ने मार्च तिमाही (Q4FY22) में निराशाजनक मार्जिन की रिपोर्ट दर्ज की है. इसके बाद से पूरी अवधि के दौरान शेयर में 7 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है.
सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सॉफ्टवेयर और परामर्श क्षेत्र से जुड़ी कंपनी का शेयर 4 मई, 2021 को 477.80 के निचले स्तर को छूकर वापस लौटा था. पिछले एक महीने में सेंसेक्स में 7.7 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है जबकि इसकी तुलना में विप्रो ज्यादा गिरा. कंपनी के शेयर में 18 प्रतिशत की कमजोरी नजर आई है.
नतीजों का लेखा जोखा
सालाना आधार पर विप्रो का मुनाफा 3.85 फीसदी और तिमाही आधार पर 4 फीसदी बढ़कर Q4FY22 में 3,087 करोड़ रुपये हो गया. सालाना आधार पर Q4FY22 के दौरान कंपनी की आय पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के 16,245 करोड़ रुपये से 28 फीसदी बढ़कर 20,860 करोड़ रुपये हो गई.
वहीं अगर कंपनी की डॉलर आय पर नजर डालें तो के इसकी आईटी सेवाओं से आय तिमाही आधार पर 3 प्रतिशत बढ़कर 2.72 अरब डॉलर हो गई है. साथ ही इसका EBIT तिमाही आधार पर 17 फीसदी रहा. नतीजों के बाद विप्रो ने कहा है कि बाजार में सौदों में एक स्ट्रक्चरल बदलाव देखने को मिला है. अब ग्राहक बड़े सौदों को मध्यम सौदों में ब्रेक कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें
Home Loan EMI: जानिए 40 बेसिस प्वाइंट Repo Rate बढ़ने के कितनी महंगी होगी आपकी होम लोन की EMI
विशेषज्ञों की राय
कंपनी के नतीजों को लेकर आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने अपने रिजल्ट अपडेट में कहा है कि कंपनी ने मध्यम अवधि के लिए 17-17.5 फीसदी का EBIT margin guidance बनाए रखा है. उन्होंने ये भी कहा कि अगली तीन से चार तिमाहियों के लिए मार्जिन पर दबाव रहेगा.
कंपनी ने ये भी बताया है कि तिमाही आधार पर 70 फीसदी कर्मचारियों के लिए पदोन्नति की फ्रिक्वेंसी में इजाफा किया है. इस बीच, Emkay Global Financial Services ने कमजोर Q4 नतीजे और निकट अवधि के मार्जिन दबावों को ध्यान में रखते हुए FY23 / FY24 के लिए EPS अनुमानों में 6.1/4.7 फीसदी की कटौती की है.