Negative Return in Stock Market: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की तरफ से भारी बिकवाली, वैश्विक घटनाक्रम, बढ़ती महंगाई (Inflation) और ब्याज दरें (Interest Rates) आदि कारणों का असर भारतीय शेयर मार्केट (Share Market) पर भी पड़ रहा है. दुनिया के अन्य देशों की तरह भारतीय बाजार में भी अनिश्चितता का माहौल है. इस बीच एक पोल के नतीजे भारतीय शेयर मार्केट्स के लिए एक और बुरी खबर लेकर आया है. रॉयटर्स की ओर से हाल में कराए गए पोल से यह तथ्य निकलकर आया है कि भारतीय इक्विटी मार्केट में 7 सालों में पहली बार इस साल सालाना रिटर्न निगेटिव देखने को मिल सकता है.
पोल के नतीजों के हिसाब से बढ़ती ब्याज दरों और घटती ग्लोबल ग्रोथ की आशंका से बाजार के इस साल भारी गिरावट से तेजी से उबरने की उम्मीद बेहद कम है. भारत सहित पूरी दुनिया में बढ़ती महंगाई, यूक्रेन संकट, सप्लाई चेन में आई दिक्कतें आदि ऐसी वजहें हैं, जिन्होंने दुनिया के तमाम हिस्सों में इकोनॉमी और बाजार का खेल बिगाड़ दिया है.
महंगाई पर लगाम के लिए सेंट्रल बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं, जिस कारण मंदी का खतरा पैदा हो गया है. इस वजह से निवेशक इस समय जोखिम वाले निवेश से बाहर निकल रहे हैं.
भारतीय बजारों में क्या बेहतर?
भारत के बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) की बात करें, तो यह इस साल अब तक 7 प्रतिशत लुढ़क चुका है. वहीं, इस साल 18 जनवरी के 61475.15 अंकों की हाई से सेंसेक्स अब तक करीब 12 प्रतिशत टूट चुका है. वर्तमान हालात में इस बात की उम्मीद नजर नहीं आ रही है कि सेंसेक्स जल्द फिर एक बार अपने जनवरी के हाई को छू पाएगा. हालांकि, भारतीय बेंचमार्क इंडेक्स का प्रदर्शन तुलनात्मक रूप से अभी भी बेहतर दिख रहा है.
MSCI में 16 फीसदी गिरावट
एमएससीआई (MSCI) जैसा वर्ल्ड इंडेक्स इस साल अब तक 16 फीसदी से अधिक टूट चुका है. यही नहीं, इसी महीने की शुरुआत में यह इंडेक्स बेयर मार्केट जोन के काफी करीब आ गया था. आपको बता दें कि जब कोई इंडेक्स 20 प्रतिशत तक टूट जाता है, तो माना जाता है कि वह बेयर मार्केट में प्रवेश कर चुका है.
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