Global Market: पूरी दुनिया के शेयर बाजारों में त्राहिमाम, वॉल स्ट्रीट लहूलुहान, इस कारण हुआ ‘ब्लैक फ्राइडे’
Global Market Sell Off: कल का दिन दुनिया भर के शेयर बाजारों और बाजार के निवेशकों के लिए काला दिन साबित हुआ. अमेरिका से लेकर यूरोप तक चहुंओर बिकवाली का आलम छाया रहा...
पूरी दुनिया के शेयर बाजार के निवेशकों के लिए कल का दिन एक और ब्लैक फ्राइडे बन गया. अमेरिका के वॉल स्ट्रीट से शुरू हुआ बिकवाली का सिलसिला यूरोप तक बाजार के हौसले को पस्त करता रहा. इस तरह शेयर बाजारों की शानदार रैली पर विराम लग गया और निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ गया.
अमेरिकी शेयर बाजार में आई ऐसी गिरावट
शुक्रवार को वॉल स्ट्रीट पर प्रमुख अमेरिकी सूचकांकों में लगभग ढाई फीसदी तक की भारी-भरकम गिरावट दर्ज की गई. अमेरिकी शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 610.71 अंक यानी 1.51 फीसदी की गिरावट आई और वह 39,737.26 अंक पर बंद हुआ. वहीं एसएंडपी500 में 1.84 फीसदी की गिरावट देखी गई. टेक स्टॉक फोकस्ड इंडेक्स नास्डैक कंपोजिट तो 2.43 फीसदी लुढ़ककर 16,776.16 अंक पर आ गया.
यूरोप का शेयर बाजार भी हुआ पस्त
वॉल स्ट्रीट से उठी बिकवाली की आंधी ने यूरोपीय बाजारों को भी अपनी चपेट में ले लिया. यूरोप में एफटीएसई 100 इंडेक्स 108.65 अंक (1.31 फीसदी) गिरकर 8,174.71 अंक पर आ गया. सीएसी 40 इंडेक्स में 118.65 अंक (1.61 फीसदी) की गिरावट देखी गई और वह 7,251.80 अंक पर बंद हुआ. वहीं डीएएक्स में सबसे ज्यादा 2.33 फीसदी की गिरावट आई. वह 421 अंक से ज्यादा लुढ़ककर 17,661.22 अंक पर बंद हुआ.
कल इतना गिरा था भारतीय बाजार
शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार में भी भारी गिरावट आई थी. बीएसई सेंसेक्स 885.59 अंक यानी 1.08 फीसदी लुढ़ककर 80,981.95 अंक पर बंद हुआ था. वहीं निफ्टी 293.20 अंक (1.17 फीसदी) टूटकर 24,717.70 अंक पर आ गया था. आज वायदा कारोबार में गिफ्ट निफ्टी 87 अंक लुढ़का हुआ है.
अमेरिका में मंदी के खतरे से डरे इन्वेस्टर
दुनिया भर के शेयर बाजारों में आई इस भारी गिरावट के लिए अमेरिकी अर्थव्यवस्था को जिम्मेदार माना जा रहा है. हाल ही में जारी हुए कुछ आंकड़े अमेरिकी अर्थव्यवस्था की चिंताजनक तस्वीरें पेश कर रहे हैं. अमेरिका में बेरोजगारी दर 4.3 फीसदी पर पहुंच गई है. यह अक्टूबर 2021 के बाद अमेरिका में बेरोजगारी का सबसे बड़ा आंकड़ा है. बाजार को बेरोजगारी में इजाफे का डर तो था, लेकिन इतनी बढ़ोतरी का अनुमान किसी को नहीं था. बेरोजगारी बेतहाशा बढ़ने से फिर से ये डर सताने लगा है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में न चली जाए. इस डर ने दुनिया भर के शेयर बाजारों में निवेशकों को बिकवाली करने पर मजबूर किया.
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