निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक 'एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank)' ने अपने इन्वेस्टर्स को बड़ी खुशखबरी दी है. बैंक ने आज शनिवार को मार्च तिमाही का वित्तीय परिणाम (HDFC Bank Q4 Result) घोषित किया. इसके साथ ही सबसे बड़े प्राइवेट बैंक ने 1900 फीसदी का भारी-भरकम लाभांश (HDFC Bank Dividend) देने का भी ऐलान किया.


ऐसे इन्वेस्टर्स को होगा लाभ


एचडीएफसी बैंक ने शेयर बाजारों को बताया कि उसे बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर्स ने 31 मार्च 2023 को समाप्त हुए वित्त वर्ष के शुद्ध मुनाफे से इन्वेस्टर्स को 1 रुपये की फेस वैल्यू वाले हर शेयर पर 19 रुपये का लाभांश देने की सिफारिश की है. इस तरह बैंक के इन्वेस्टर्स को 1900 फीसदी का लाभांश मिलने वाला है. बैंक ने डिविडेंड देने के लिए 16 मई 2023 को रिकॉर्ड डेट फिक्स किया है. इसका मतलब हुआ कि 16 मई 2023 के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के हिसाब सेजिन इन्वेटर्स के पास एचडीएफसी बैंक के शेयर होंगे, वे इस लाभांश का भुगतान पाने के हकदार होंगे.


पिछली बार से ज्यादा लाभांश


इससे पहले एचडीएफसी बैंक ने पिछले वित्त वर्ष यानी 2021-22 के लिए अपने इन्वेस्टर्स को 1500 फीसदी से ज्यादा का लाभांश दिया था. उस समय बैंक ने 1 रुपये अंकित मूल्य के हर शेयर पर 15.50 रुपये का यानी 1550 फीसदी लाभांश दिया था. इस तरह ये देखें तो एचडीएफसी बैंक साल भर पहले की तुलना में 22.58 फीसदी ज्यादा डिविडेंड देने जा रहा है.


इतना बढ़ा बैंक का मुनाफा


आपको बता दें कि मार्च तिमाही में एचडीएफसी बैंक का शुद्ध लाभ 20.6 फीसदी बढ़कर 12,594.47 करोड़ रुपये हो गया. बैंक ने शनिवार को वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी एवं अंतिम तिमाही के वित्तीय नतीजे जारी करते हुए यह जानकारी दी. साल भर पहले यानी मार्च 2022 तिमाही में बैंक का शुद्ध लाभ 10,443.01 करोड़ रुपये रहा था.


तिमाही आधार पर आई कमी


हालांकि सालाना आधार के बजाय तिमाही दर तिमाही देखें तो एचडीएफसी बैंक के मुनाफे में कमी आई है. अक्टूबर-दिसंबर 2022 तिमाही में एचडीएफसी बैंक को 12,698.32 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था. पूरे वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान इस निजी बैंक ने 45,997.11 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है, जो वित्त वर्ष 2021-22 में 38,052.75 करोड़ रुपये था.


इनकम में भी हुई वृद्धि


एकल आधार पर बैंक का मुनाफा 19.81 फीसदी की वृद्धि के साथ 12,047.45 करोड़ रुपये हो गया, जबकि बैंक की कुल आय बढ़कर 53,850 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले साल 41,086 करोड़ रुपये रही थी. ऋण घाटों और अन्य मदों में कुल प्रावधान जनवरी-मार्च, 2023 तिमाही में 2,685.37 करोड़ रुपये रहा, जो जनवरी-मार्च, 2022 तिमाही में 3,312.35 करोड़ रुपये रहा था. सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) अनुपात मार्च के अंत में 1.12 फीसदी रहा, जबकि मार्च 2022 के अंत में यह 1.17 फीसदी और दिसंबर तिमाही में 1.23 फीसदी रहा था.


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