देश के प्रमुख शेयर बाजारों में से एक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने फिर से अपने बहु-प्रतीक्षित आईपीओ की प्रक्रिया की शुरुआत की है. एनएसई ने उसके लिए बाजार नियामक सेबी के पास एनओसी के लिए अप्लाई किया है. खबरों में ऐसा दावा किया जा रहा है.


रॉयटर्स की रिपोर्ट में ये दावा


रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, एनएसई ने अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के लिए सेबी के पास मंगलवार को अप्लाई किया. रिपोर्ट में मामले से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया गया, ‘‘एक्सचेंज ने आईपीओ के लिए भारतीय बाजार नियामक के समक्ष फिर से नो-ऑब्जेक्शन के लिए अप्लाई किया है.’’


सेबी ने हाई कोर्ट को बताई थी ये बात


सेबी ने इसी महीने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया था कि एनएसई के आईपीओ में देरी के लिए वह जिम्मेदार नहीं है. सेबी ने एक मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया था कि एनएसई ने अपनी लिस्टिंग को लेकर नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट यानी एनओसी के लिए कोई फ्रेश डिमांड नहीं की है. नियामक ने साथ ही साफ किया था कि आईपीओ में देरी के लिए खुद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ही जिम्मेदार है.


हाई कोर्ट में आई थी ये याचिका


दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर एनएसई के आईपीओ और उसकी लिस्टिंग की प्रक्रिया तेज करने की मांग की गई थी. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नियामक सेबी से एनएसई आईपीओ में देरी की वजह पूछा था. सेबी के द्वारा कोर्ट में कारण बताए जाने के चंद दिनों बाद ही अब एनएसई ने एनओसी के लिए फ्रेश अप्लिकेशन फाइल कर दिया है.


सेबी ने लौटा दिया था आईपीओ का ड्राफ्ट


नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के आईपीओ और एनएसई के शेयरों की लिस्टिंग की चर्चा कई सालों से चल रही है. एनएसई को प्रस्तावित आईपीओ के लिए सालों पहले सेबी से मंजूरी भी मिल गई थी. एनएसई ने सेबी के पास सबसे पहले दिसंबर 2016 में आईपीओ का ड्राफ्ट यानी डीआरएचपी फाइल किया था. सेबी ने उसे मंजूरी दे दी थी, लेकिन को-लोकेशन फैसिलिटीज का मामला सामने आने के बाद 2019 में एनएसई के ड्राफ्ट को लौटा दिया गया था.


ये भी पढ़ें: नहीं आएगा टाटा संस का महा-आईपीओ, लिस्टिंग से बचने के लिए कंपनी ने किया 20 हजार करोड़ का भुगतान