PolicyBazaar Share: बिकवाली की मार झेल रहे पॉलिसी बाजार के शेयर में 15% तक की गिरावट, जानें क्या है वजह
PolicyBazaar Share Price: कंपनी के प्रोमोटर्स जब कंपनी के शेयर बेचने लग जाएं तो निवेशकों का भी भरोसा डगमगा जाता है. पॉलिसी बाजार के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ.
PolicyBazaar Share Drops: ऑनलाइन इंश्योरेंस एग्रीगेटर (Insurance Aggregator ) पॉलिसी बाजार के शेयरों में मंगलवार को निफ्टी पर 11.50 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुए. ट्रेडिंग के दौरान आज इन शेयरों ने करीब 15 फीसदी तक का गोता लगाया था. हालांकि, बाद में इसमें कुछ सुधार हुआ लेकिन गिरावट ज्यादा होने के कारण रिकवरी नहीं हो पाई. इस गिरावट के पीछे का कारण है कंपनी के CEO यशिश दहिया (Yashish Dahia) का एक फैसला. दहिया ने कंपनी में 37.69 लाख से अधिक शेयरों को बेचने की योजना बनाई है.
इसकी जानकारी उन्होंने शेयर बाजार (Share Market) को दी है. पॉलिसी बाजार के अनुसार, दहिया यह सौदा बल्क डील के तहत करेंगे. इसी खबर से पॉलिसी बाजार के शेयरों में बहुत तेज गिरावट देखने को मिली.
जानिए कितनी है कंपनी में दहिया की हिस्सेदारी
कंपनी की ओर से जारी बयान के अनुसार, 31 मार्च 2022 तक दहिया के पास कंपनी के 1,90,08,349 (4.23 फीसदी) शेयर थे. वहीं, ईएसओपी (इम्पलॉई स्टॉक ओनरशिप प्लान) के 55,09,601 शेयरों को जोड़ने के बाद मई 2022 तक कंपनी में दहिया की कुल हिस्सेदारी बढ़कर 2,45,17,950 (5.45 फीसदी) हो गई है.
फरवरी में कंपनी के सह-संस्थापक आलोक बंसल ने पीबी फिनटेक के 28.5 लाख शेयर 236 करोड़ रुपये में बेच दिए थे. एनएसई पर मौजूद इस बल्क डील के आंकड़ों के अनुसार, यह सौदा 825 रुपये प्रति शेयर पर हुआ था. मगंलवार को पॉलिसी बाजार के शेयर निफ्टी पर 612 रुपये के साथ खुले और 583 रुपये के करीब बंद हुए. इंट्रा डे ट्रेड में एक समय पर यह शेयर 557 रुपये तक टूट गया था. हालांकि इसका 52 हफ्तों का लो 542.30 रुपये है. कंपनी का मार्केट कैप अब 26,208 करोड़ रुपये का है.
इस तरह से आधी संपत्ति हुई स्वाहा
पॉलिसी बाजार का आईपीओ (IPO) पिछले साल नंवबर में आया था. लिस्टिंग के दिन इसके आईपीओ निवेशकों को काफी लाभ हुआ था. यह शेयर 1202 पर लिस्ट हुआ और बढ़कर 1448 तक पहुंचा लेकिन उसके बाद इस शेयर में भारी गिरावट हुई. तब से अब तक यह करीब 50 फीसदी लुढ़क चुका है. यानी ये अपने निवेशकों की आधी संपत्ति डुबा चुका है. बता दें कि आईपीओ में ये शेयर निवेशकों को 980 रुपये पर अलॉट हुए थे.
इस गिरावट और कंपनी के आगे के भविष्य पर विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार ऐसी कंपनियों को सजा दे रहा है जो बिना मुनाफे के व्यापार किए जा रही हैं. उनका कहना है कि इतनी गिरावट के बावजूद अब भी कंपनी के शेयर महंगे हैं. उन्होंने कहा कि कंपनी एक बहुत प्रतिस्पर्धात्मक क्षेत्र में है.
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