Stock Market: 52 हफ्ते के निचले स्तर पर आया शेयर बाजार, जानिए बाजार में गिरावट की बड़ी वजहें
Share Market News: गुरुवार की गिरावट से सेंसेक्स और निफ्टी 52 सप्ताह के निचले स्तर पर चले गए हैं. जानकार भारतीय बाजारों में आई इस मंदी के पीछे कुछ ग्लोबल फैक्टर्स को भी जिम्मेदार मानते हैं.
Share Market Crash News: भारतीय शेयर बाजारों (Stock Market) में गुरुवार को जबरदस्त गिरावट देखी गई और बेंचमार्क इंडेक्स 16 जून को 52 सप्ताह के निचले स्तर पर बंद हुए. बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 1,046 अंक गिरकर 51,495.79 पर, जबकि निफ्टी 50 (Nifty50) 331.55 अंक की कमजोरी के साथ 15,360.60 पर बंद हुआ. बाजार में मंदी का यह भूचाल इतना जबरदस्त था कि एनएसई पर बढ़त दर्ज करने वाले हर एक शेयर की तुलना में 7 शेयर लाल निशान में बंद हुए थे.
शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट का कारण बाजार जानकार वैश्विक परिस्थितियों को मान रहे हैं. उनका कहना है कि अमेरिकी फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी, वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों जैसे कारण लगातार भारतीय शेयर बाजार पर दबाव बनाए हुए हैं और यह आगे भी जारी रह सकता है.
यूएस फेड ने बढ़ाई ब्याज दर
खबरो के अनुसार यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी का असर लगभगर हर देश के शेयर बाजार पर पड़ा है. अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने ब्याज दर में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी की है. यह 1994 के बाद ब्याज दरों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी है. मॉर्गन स्टैनली इसमें आगे और बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहा है. उसके मुताबिक, इस साल के अंत तक ब्याज दर बढ़कर 2.625 फीसदी हो सकती है. अमेरिका में मंदी की आशंका से वैश्विक बाजार सहमे हुए हैं और भारतीय बाजार भी इससे अछूते नहीं है.
अनुमान ये भी लगाया जा रहा है कि इस सप्ताह बैंक ऑफ इंग्लैंड ब्याज दरों में लगातार पांचवीं बार बढ़ोतरी कर सकता है. उम्मीद की जा रही है कि फेडरल रिजर्व की राह पर चलते हुए बैंक ऑफ इंग्लैंड आधा फीसदी की बढ़ोतरी तो कर ही सकता है. इंग्लैंड में अप्रैल में महंगाई बढ़कर 40 साल के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई है.
वैश्विक बाजारों में गिरावट
फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में बढ़ोतरी के फैसले से वैश्विक बाजारों में भारी गिरावट रही. खबर लिखे जाने तक जर्मनी का डैक्स 2 फीसदी, ब्रिटेन का एफटीएसई 1.4 फीसदी और फ्रां स का सीएसी 1.6 फीसदी गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था. चीन, हॉन्गकॉन्ग, ऑस्ट्रेलिया और जापान के बाजारों में 0.4 फीसदी से 2 फीसदी तक गिरावट आज रही. इसका असर भारतीय बाजार पर भी देखा गया.
कच्चे तेल की कीमतें
आपूर्ति की बाधाओं के चलते तेल की कीमतें अभी भी ऊंची बनी हुई हैं। इंटरनेशनल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 0.3 फीसदी मजबूती के साथ 119 डॉलर के आसपास ट्रेड कर रहा है, वहीं यूएस क्रूड ऑयल 0.4 फीसदी बढ़कर 115.8 डॉलर प्रति बैरल हो गया है. क्रूड की कीमतों में लगातार हो रही बढ़त से भी निवेशक डरे हुए हैं.
एफआईआई की बिकवाली
भारतीय बाजार में विदेशी संस्थागत लगातार नौवें महीने बिकवाली करते हुए देखे जा रहे हैं. जून में अभी तक वे 31,000 करोड़ रुपये के शेयर बेच चुके हैं. पिछले पांच महीनों में एफआईआई 2.2 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं.
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