Market Outlook: शेयर बाजार में 14 साल की सबसे तगड़ी रैली, इस सप्ताह ये फैक्टर तय करेंगे किस्मत
Share Market This Week: पिछले सप्ताह के दौरान बजट के चलते बाजार पर प्रेशर रहा, लेकिन बाद में बाजार वापसी करने में कामयाब रहा और 14 सालों का रिकॉर्ड बन गया...
घरेलू शेयर बाजार में इन दिनों शानदार रैली देखी जा रही है. यह ऐसी रैली है, जिसमें एक के बाद एक नए रिकॉर्ड बनते जा रहे हैं. बीते सप्ताह भी कहानी कुछ अलग नहीं रही. शेयर बाजार पर बजट क चलते कुछ दबाव रहने के बाद भी बाजार ने जल्दी ही फिर से रैली की रफ्तार पकड़ ली और फिर से नए रिकॉर्ड बन गए.
सप्ताह के अंतिम दिन जबरदस्त रिकवरी
बीते सप्ताह के दौरान अंतिम दिन यानी शुक्रवार 26 जुलाई को बीएसई सेंसेक्स शानदार 1,292.92 अंक (1.62 फीसदी) मजबूत हुआ. इस तरह सेंसेक्स 81,333.72 अंक पर बंद हुआ. इसी तरह एनएसई निफ्टी अंतिम दिन 428.75 अंक (1.76 फीसदी) की बढ़त लेकर 24,834.85 अंक पर बंद हुआ. सप्ताह के दौरान सेंसेक्स में 696.57 अंक (0.86 फीसदी) की तेजी आई, जबकि निफ्टी50 इंडेक्स 366.50 अंक मजबूत हुआ.
14 सालों के बाद आई इतनी लंबी रैली
घरेलू शेयर बाजार में जून महीने के पहले सप्ताह के दैरान लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद लगातार तेजी आ रही है. उसके बाद से अब तक देखें तो कुछ ही सेशंस में बाजार गिरा है. बीते सप्ताह की तेजी के साथ ही बाजार ने फायदे का लगातार आठवां सप्ताह दर्ज किया. यह बीते 14 सालों में घरेलू शेयर बाजार की सबसे लंबी लगातार रैली है.
सप्ताह के दौरान इन कंपनियों के परिणाम
अब 29 जुलाई से शुरू हो रहे सप्ताह की बात करें तो अगले 5 दिन में बाजार के ऊपर कई फैक्टर का असर हो सकता है. सबसे पहले तो कंपनियों के तिमाही परिणाम का जारी सीजन बाजार को प्रभावित करेगा. अब ताबड़तोड़ कंपनियां पहली तिमाही के वित्तीय नतीजे जारी कर रही हैं. सप्ताह के दौरान आईसीआईसीआई बैंक, पीएनबी, डॉ रेड्डीज, एनटीपीसी, आरईसी, इंडिगो, इंडसइंड बैंक जैसे प्रमुख शेयरों के परिणाम आन वाले हैं. सप्ताह के दौरान 8 नए आईपीओ लॉन्च हो रहे हैं.
यूएस फेड की बैठक सबसे बड़ा बाहरी कारण
बाहरी मोर्चे पर बाजार को प्रभावित करने वाला सबसे बड़ा फैक्टर अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व की ओपन मार्केट कमिटी की बैठक है. फेडरल रिजर्व की ओपन मार्केट कमिटी की बैठक 31 जुलाई को होने वाली है. बैठक में ब्याज दरों पर फैसला होने वाला है. बाजार को उम्मीद है कि ब्याज दर को 5.25-5.50 फीसदी की रेंज में स्थिर रखा जाएगा, लेकिन आगे कटौती को लेकर मिलने वाला कोई भी संकेत दुनिया भर के बाजार पर सीधे असर डालेगा.
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.
ये भी पढ़ें: इस सप्ताह खुल रहे हैं 2000 करोड़ के 8 आईपीओ, 11 नए शेयरों की भी होगी लिस्टिंग