Share Trading Charges May Go Up: 7 अक्टूबर, 2022 यानि शुक्रवार से नया अकाउंट सेटलमेंट प्रोसेस का नियम लागू होने जा रहा है जिसके तहत शेयर ब्रोकरों को इस्तेमाल नहीं किए फंड को कस्टमर्स के बैंक खाते में ट्रांसफर करना होगा. ऐसे में Zerodha के फाउंडर नितिन कामत का मानना है कि इस नए सिस्टम के लागू होने के बाद ब्रोकरेज चार्जेज में बढ़ोतरी आ सकती है. 


नितिन कामत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि महीने के पहले शुक्रवार को सभी ब्रोकरेज हाउसेज को इस्तेमाल नहीं किए जाने वाले फंड को कस्टमर्स के बैंक खाते में नए अकाउंट सेटलमेंट प्रोसेस के तहत ट्रांसफर करना होगा. कामत ने कहा कि ये रकम करीब 25,000 करोड़ रुपये के बराबर हो सकता है. उन्होंने कहा कि अगर जेरोधा अकाउंट बैलेंस शून्य हो जाए या फिर खाते में शनिवार को पैसे आ जाएं तो अब आप समझ गए होंगे ऐसा क्यों हुआ है. 






नितिन कामत के मुताबिक क्या ये जानने की कोशिश तो नहीं कि ब्रोकर क्लाइंट्स के कैपिटल का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा रेग्युलेशन पहली बार भारत में हो रहा है. कई देशों में ब्रोकर्स वर्किंग कैपिटल के लिए अनयूज्ड फंड्स का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन बारत में केवल कस्टमर के ट्रेडिंग या रेग्युलेटरी चार्ज के लिए ही इन फंड का इस्तेमाल किया जा सकता है. 










नितिन कामत ने कहा कि अकाउंट सेटलमेंट कस्टमर की सुरक्षा के लिए अच्छा है. लेकिन ब्रोकरेज इंडस्ट्री के सामने एक दिन में इतनी बड़ी रकम ट्रांसफर करने के साथ सोमवार को वर्किंग कैपिटल जरुरतों को पूरा करने की चुनौती होगी. इससे फ्लोट इनकम पर असर पड़ेगा.  उन्होंने बताया कि अमेरिका में जीरो ब्रोकरेज फईस होती है क्योंकि वे वर्किंग कैपिटल के लिए कस्टमर के फंड्स का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन भारत में इसकी अनुमति नहीं है. नितिन कामथ के मुताबिक इसके चलते ब्रोकरेज रेट्स में आने वाले वर्षों में बढ़ोतरी आ सकती है. 


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