Subrata Roy Death: सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय का मंगलवार देर रात मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में निधन हो गया. देश के तमाम राजनेताओं, बिजनेसमैन से लेकर एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की सिलेब्रिटीज ने उनके निधन पर शोक जताया है. लंबे समय से बीमार रॉय ने 75 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. सहारा ग्रुप के चीफ सुब्रत रॉय के निधन के बाद कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी के खाते में पड़ी 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिना बंटी हुई रकम फिर से चर्चा का विषय बन गई है.
सेबी ने दिया पैसे लौटाने का आदेश
रॉय को सहारा समूह की कंपनियों के बारे में कई रेगुलेटरी और कानूनी लड़ाइयों का सामना करना पड़ा. इनमें पोंजी स्कीम में नियमों को दरकिनार करने का आरोप भी शामिल है. हालांकि सहारा ग्रुप ने हमेशा इन आरोपों को खारिज किया है. कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी ने 2011 में सहारा ग्रुप की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसआईआरईएल) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसएचआईसीएल) को वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय बांड-optionally fully convertible debentures या (ओएफसीडी) के रूप में पहचाने जाने वाले कुछ बॉन्ड्स के जरिए करीब तीन करोड़ निवेशकों से जुटाई गए रकम को वापस करने का आदेश दिया था.
सेबी ने दिया 24,000 करोड़ रुपये जमा करने का ऑर्डर
सेबी ने अपने ऑर्डर में कहा था कि दोनों कंपनियों ने उसके रूल्स और रेगुलेशन का उल्लंघन करके पैसा जुटाया था. लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2012 को सेबी के निर्देशों को बरकरार रखा और दोनों कंपनियों को निवेशकों से इकट्ठा किए हुए पैसे को 15 फीसदी ब्याज के साथ वापस करने को कहा था. इसके बाद सहारा को निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए सेबी के पास अनुमानित 24,000 करोड़ रुपये जमा करने को कहा गया. हालांकि समूह लगातार यह कहता रहा कि उसने पहले ही 95 फीसदी से ज्यादा इंवेस्टर्स को डायरेक्ट तरीके से पेमेंट कर दिया है.
इंवेस्टर्स को 11 सालों में 138.07 करोड़ रुपये वापस मिले
कैपिटल मार्केट रेगुलेटर की लेटेस्ट एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड या सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने सहारा समूह की दो कंपनियों के इंवेस्टर्स को 11 सालों में 138.07 करोड़ रुपये वापस किए. इस बीच रीपेमेंट के लिए खास तौर से खोले गए बैंक खातों में जमा रकम बढ़कर 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है.
सहारा की दो कंपनियों के ज्यादातर बॉन्डधारकों ने इसको लेकर कोई दावा नहीं किया और कुल रकम पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में करीब सात लाख रुपये बढ़ गई, जबकि सेबी-सहारा रीपेमेंट अकाउंट्स में इस दौरान बची रकम 1,087 करोड़ रुपये बढ़ गई. सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, सेबी को 31 मार्च, 2023 तक 53,687 खातों से जुड़े 19,650 एप्लीकेशन प्राप्त हुए. इनमें से 48,326 अकाउंट्स से जुड़े 17,526 आवेदनों के लिए 138.07 करोड़ रुपये की कुल रकम लौटाई गई, जिसमें 67.98 करोड़ रुपये की ब्याज की रकम भी शामिल है.
नेशनलाइज्ड बैंकों में जमा कुल राशि करीब 25,163 करोड़ रुपये
सहारा समूह की बाकी बची दोनों कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराई जानकारी के जरिए उनका कोई पता नहीं लग पाने के कारण बंद कर दिए गए. सेबी ने लास्ट अपडेट्स के तहत अपनी जानकारी में 31 मार्च 2022 तक 17,526 आवेदनों से संबंधित कुल 138 करोड़ रुपये की रकम बताई थी. सेबी ने कहा कि 31 मार्च 2023 तक नेशनलाइज्ड बैंकों में जमा कुल राशि करीब 25,163 करोड़ रुपये है.
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