Success Story: IIT इंजीनियर ने अमेरिका की नौकरी छोड़ भारत में शुरू किया डेयरी, अब कमा रहे 44 करोड़
Success Story: IIT के पूर्व छात्र ने भारत में डेयरी शुरू करने के लिए अमेरिका की आकर्षक नौकरी को अलविदा कह दिया. आज उनकी मेहनत रंग लाई और डेयरी एक कंपनी की शक्ल में बदल कर 44 करोड़ की कमाई कर रही है.
ऐसा शायद ही कभी होता है जब कोई विलासिता की जिंदगी को छोड़ अपने जुनून को पूरा करने के लिए सादा जिंदगी गुजारने का फैसला करे. पेशे से इंजीनियर किशोर इनदुकुरी ने सिर्फ भारत लौटने और 20 गाय खरीदने के लिए अमेरिका में अच्छी तन्खवाह और आकर्षक नौकरी को छोड़ दिया. आज, उनका डेयरी फार्म बढ़कर 44 करोड़ रुपए की कंपनी बन गई है.
IIT के पूर्व छात्र ने नौकरी छोड़ शुरू किया डेयरी फार्म
आआईटी खड़गपुर से ग्रेजुएट इनदुकुरी का संबंध मूल रूप से कर्नाटक से है. आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने अमेरिका के मैसाचुएट्स यूनिवर्सिटी का रुख किया. पढ़ाई पूरी करने के बाद इनदुकुरी ने अमेरिकी टेक कंपनी इंटेल के साथ काम शुरू किया. लेकिन दिल से संतुष्ट नहीं थे और वापस अपनी जड़ की तरफ लौटना चाहते थे. इंटेल के साथ छह साल काम करने के बाद आखिरकार उन्होंने अमेरिका में नौकरी को अलविदा कहा और वापस भारत आ गए.
अमेरिका से लौटने के बाद बनाई 44 करोड़ की कंपनी
भारत लौटने पर उन्हें जल्द ही एहसास हुआ कि स्वच्छ और सुरक्षित दूध के लिए सीमित विकल्प हैं. इस तरह उनकी डेयरी 2012 में मात्र 20 गायों के निवेश से शुरू हुई. उन्होंने खुद गायों के दूध दुहने से लेकर सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने लगे. पहला निवेश उन्होंने परिवार के साथ फ्रीज और स्टोर सिस्टम स्थापित करने के लिए किया, ये सुनिश्चित करने के लिए दूध दूहने के समय से वितरण तक ज्यादा देर टिके. उसके बाद से उन्होंने मुड़कर पीछे नहीं देखा.
2018 तक इनदुकुरी का डेयरी फार्म हैदराबाद के आसपास छह हजार ग्राहकों को दूध की आपूर्ति करनेवाला बन गया. अपने बेटे सिद्धार्थ के नाम पर उन्होंने फार्म का नाम सिद रखा. आज, डेयरी फार्म ने अपने संचालन का विस्तार करते हुए 120 कर्मचारियों को शामिल किया है और सालाना 40 करोड़ का आय हासिल किया. फार्म से रोजाना 10 हजार ग्राहकों को दूध की आपूर्ति की जाती है. एक इंटरव्यू में इनदुकुरी ने खुलासा किया कि डेयरी उद्योग के लिए शुरुआत में सख्त मेहनत और संघर्ष करना पड़ा. उन्होंने अपनी पूरी बचत का इस्तेमाल किया और डेयरी स्थापित करने के लिए परिवार की मदद ली.
शुरुआती 1 करोड़ के निवेश और बाद में 2 करोड़ से उन्होंने डेयरी उद्योग को अपने पैरों पर खड़ा किया. डेयरी संचालन को विस्तार देने और उत्पादन बढ़ाने के लिए 2018 में इनदुकुरी बैंक से 1.3 करोड़ का कर्ज लेने में सफल रहे. गाय और भैंस के दूध से शुरु होकर उनके फार्म ने कई तरह के प्रोडक्ट्स जैसे घी, दही, ऑर्गेनिक पनीर, गाय का दूध और भैंस के दूध का विस्तार किया है. फार्म प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए उन्नत तकनीक का इस्तेमाल करता है. हालांकि, कोरोना काल में दूध के व्यवसाय को थोड़ा नुकसान पहुंचा, मगर इसके बावजूद उन्होंने दूध उत्पादन नहीं रोका. आगे उनका लक्ष्य हैदराबाद से बाहर निकलकर आसपास के शहरों जैसे बेंगलुरू में सेवाओं को बढ़ाने का है.
कर्नाटक: एक साथ दो बहनों से शादी करना युवक को पड़ा महंगा, वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने किया गिरफ्तार
सोशल मीडिया पर ना डालें बच्चों को गोद लेने वाले मैसेज, इससे तस्करी को मिल सकता बढ़ावा- मंत्रालय