Infosys: इंफोसिस संस्थापक नारायण मूर्ति और उनकी पत्नी सुधा ने ₹7.5 करोड़ किए दान, जानिए कहां और कैसे होगा खर्च
इंफोसिस संस्थापक नारायण मूर्ति की मूर्ति ट्रस्ट ने संस्कृत और प्राकृत में दुर्लभ पुस्तकों और पांडुलिपियों को संरक्षित रखने के लिए BORI संस्थान को 7.5 करोड़ रुपये दान देने की घोषणा की है.
Sudha-Narayana Murthy's Trust: इंफोसिस के संस्थापक एन.आर.नारायण मूर्ति (Infosys Founder N R Narayana Murthy) और उनकी पत्नी सुधा मूर्ति (Sudha Murthy) के ट्रस्ट ने 7.5 करोड़ रुपए दान किए हैं. ये पैसा संस्कृत और प्राकृत भाषा में लिखी पुस्तकों व पांडुलिपियों के रखरखाव के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. मूर्ति के परिवार की गैर-लाभकारी संस्था मूर्ति ट्रस्ट (Murthy's Trust) ने संस्कृत और प्राकृत में दुर्लभ पुस्तकों और पांडुलिपियों पर शोध करने और उन्हें संरक्षित करने के लिए भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट (BORI) को 7.5 करोड़ रुपये दान देने की घोषणा की है.
भारत की सांस्कृतिक विरासत का प्रमुख स्तंभ BORI
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इंफोसिस फाउंडेशन (Infosys Foundation) के प्रमुख रहे मूर्ति ने पिछले सप्ताह पुणे में प्रस्तावित भवन का शिलान्यास किया. उन्होंने कहा कि बीओआरआई (BORI) 105 साल पुरानी संस्था है और भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक प्रमुख स्तंभ है. इसने भारी मात्रा में बौद्धिक शोध पत्र और पुस्तकें तैयार की हैं. उन्होंने कहा कि बीओआरआई के हर प्रोफेसर एक महान विद्वान है. मैं दो पुस्तकों, 'महाभारत का समालोचनात्मक परिवर्धन' और 'केन का धर्मशास्त्र' के बौद्धिक कार्य से मंत्रमुग्ध हुआ है, दोनों ही मुझे बहुत प्रिय हैं.
आधुनिक होगी इमारत
मूर्ति ने कहा कि, "जैसे-जैसे समय बदला है, लोग हमारी संस्कृति के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना चाहते हैं. अब वे जानकारी हासिल करने के लिए ऑनलाइन कक्षाएं ले सकेंगे और कर्मचारियों के साथ बातचीत कर सकेंगे. इसलिए, मूर्ति ट्रस्ट ने एक नई और आधुनिक इमारत के साथ BORI को समर्थन देने का फैसला किया है जो भारत की सांस्कृतिक विरासत आगे बढ़ाने के लिए समर्पित होगा.
सेंटर में होगी 200 सीट की क्लास
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इंफोसिस फाउंडेशन (Infosys Foundation) की ओर से दिए इसी अनुदान के तहत मूर्ति सेंटर ऑफ इंडिक स्टडीज का निर्माण किया जाएगा. यह एक 18,000 वर्ग फुट की 200 सीटों वाली कक्षा (Class) होगी. यहां शैक्षणिक और अनुसंधान भवन, व्याख्यान आयोजित करने के लिए एक आधुनिक सभागार और प्राचीन पुस्तकों को डिजिटाइज़ करने के लिए एक ऑडियो-विजुअल स्टूडियो और पांडुलिपियां होंगी.
बोर्ड अध्यक्ष ने क्या कहा
BORI के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष भूपाल पटवर्धन (Bhupal Patwardhan, Chairman of the Executive Board of BORI) का कहना है कि संस्थान में लगभग 40 विद्वान भारतीय दर्शन से लेकर कथक और आयुर्वेद से लेकर खगोल विज्ञान तक विभिन्न विषयों पर काम कर रहे हैं. भारतीय अध्ययन के आगामी मूर्ति केंद्र में 60 से अधिक विद्वान रह सकते हैं. संस्थान अब शिक्षा में भी प्रवेश कर चुका है. निर्माणाधीन मूर्ति सेंटर ऑफ इंडिक स्टडीज में 60 से अधिक विद्वान रहने की व्यवस्था की जाएगी.
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