देश से इस बार चीनी का निर्यात लगभग 50 फीसदी बढ़ जाएगा. इस महीने खत्म हो रहे शुगर सीजन में इसका निर्यात रिकार्ड 57 लाख टन तक पहुंच जाएगा. दरसअसल कमजोर रुपये और निर्यात सब्सिडी की वजह से विदेश में चीनी भेजने का सिलसिला काफी जोर पकड़ चुका है. चीनी उत्पादक कई देशों में इस बार कम उत्पादन ने भारत के लिए अच्छा मौका मुहैया कराया है. लिहाजा चीनी के निर्यात को बढ़ावा मिल रहा है. सरकार को उम्मीद है कि अगले सीजन में शुगर एक्सपोर्ट का यह सिलसिला बरकरार रहेगा.


57 लाख टन का रिकार्ड चीनी निर्यात


सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि भारत को इस सीजन की शुरुआत में 57 लाख टन चीनी निर्यात का ऑर्डर मिला था. इनमें से 55 लाख टन का निर्यात हो चुका है. सीजन खत्म होने तक और 50 हजार टन चीनी निर्यात का ऑर्डर मिल सकता है. रिकार्ड एक्सपोर्ट, कोविड-19 के दौरान भी मंत्रालय, मिलर्स और ट्रांसपोर्टर के बेहतर को-ऑर्डिनेशन से संभव हुआ. वर्ल्ड मार्केट में लगातार मांग बने रहने की वजह से यह निर्यात संभव हो सका है. इससे पहले चीनी का सबसे ऊंचा निर्यात स्तर 49 लाख टन का था. 2007-08 में चीनी निर्यात का यह ऊंचा स्तर हासिल हुआ था.


अगले सीजन में भी निर्यात ऊंचा रहने की उम्मीद 


सरकारी अधिकारियों का कहना है अगले सीजन में भी चीनी निर्यात का ऊंचा स्तर बना रह सकता है. अगले सीजन ( अक्टूबर 2020- सितंबर, 2021) में चीन का उत्पादन 3.25 करोड़ टन तक पहुंच सकता है. इसमें 60 से 65 लाख टन का सरप्लस चीनी हो सकता है. इसके अलावा दस लाख टन का कैरीओवर स्टॉक भी हो सकता है. देश में इस वक्त मांग की तुलना में चीनी का उत्पादन काफी ज्यादा है. दूसरी ओर वर्ल्ड मार्केट में चीनी की कमी की वजह से भारत से निर्यात को काफी तवज्जो मिल रही है.


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