Sugar Price Hike: चीनी की मिठास हुई कड़वी! दो सप्ताह में बढ़ी 6 फीसदी तक कीमतें, जानें कारण
Sugar Price Hike: पिछले दो हफ्तों में भारत में चीनी की कीमतों में 6 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है. कीमतें बढ़ने के पीछे का कारण बड़ा है और आप पर भी इसका असर देखा जाएगा.
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Sugar Price Hike: गर्मियों का सीजन शुरू होते ही चीनी की मिठास कम हो सकती है. भारत में चीनी की कीमतों में पिछले 2 हफ्तों में 6 फीसदी से अधिक का इजाफा (Sugar Price Hike in India) देखने को मिला है. चीनी उद्योग से जुड़े लोगों ने इस मामले पर समाचार एजेंसी रायटर्स को बताया कि भारत में चीनी की कीमतों (Sugar Price Increase) में पिछले दो हफ्तों में 6 फीसदी तक की बढ़त दर्ज की गई है और आगे भी दाम में इजाफा जारी रह सकता है. चीनी की कीमतों में इजाफे के पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि इस साल गन्ने के उत्पादन में कमी देखी जा रही है और थोक बाजार में चीनी की मांग में बढ़त हुई है. ऐसे में कीमतों में इजाफे के बाद चीनी का उत्पादन करने वाली कंपनियां जैसे बलरामपुर चीनी, श्री रेणुका शुगर्स, डालमिया भारत शुगर और द्वारिकेश शुगर के मार्जिन में सुधार होने की संभावना है. ऐसे में वह किसानों को गन्ने का सही समय पर भुगतान कर पाएंगे.
ग्राहकों पर पड़ेगी महंगाई की मार
जहां किसानों को कीमतें बढ़ने से सही समय पर गन्ने का भुगतान मिल सकता है, वहीं दूसरी तरफ आम लोगों के लिए चीनी का मिठास कड़वाहट में बदल सकती है. चीनी की कीमतों में इजाफे के बाद खाद्य मुद्रास्फीति (Food Inflation) में और इजाफा हो सकता है. इसके साथ ही सरकार के चीनी के निर्यात के प्लान पर भी पानी फिर सकता हैं. गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतों (Sugar Price in International Market) में जबरदस्त तेजी देखी जा रही है. चीनी कीमतों ने पिछले कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.
महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन में आई कमी
फाइनेंशियल टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार चीनी की कीमतों में इजाफे पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि देश का सबसे ज्यादा गन्ना उत्पादन करने वाले राज्य महाराष्ट्र (Maharastra) में इस बार उत्पादन गिरा है. फसल के कम उत्पादन के पीछे खराब मौसम है. ऐसे में इसका असर देश के चीनी उत्पादन पर सीधे तौर पर पड़ा है. वित्त वर्ष 2022-23 में महाराष्ट्र में अक्टूबर से सितंबर के बीच शक्कर उत्पादन 105 लाख टन रह जाने की संभावना है. वहीं पिछले साल इस दौरान महाराष्ट्र में 137 लाख टन का चीनी उत्पादन हुआ था. ऐसे में चीनी के उत्पादन में कमी का सीधा असर कीमतों पर दिखने वाला है.
गर्मियों में बढ़ती है चीनी की मांग
गर्मियों के दौरान चीनी की खपत में जबरदस्त इजाफा देखने को मिलता है. अप्रैल के बाद से देश में बढ़ते तापमान के साथ ही कोल्ड ड्रिंक्स, आईक्रीम आदि की खपत के कारण मार्केट में चीनी की डिमांड बढ़ जाती है. इसके साथ ही शादियों के सीजन के कारण भी चीनी की मांग में इजाफा होता है. ऐसे बढ़ती कीमतों के कारण आम लोगों और कंपनियों सभी पर इसका असर दिखेगा.
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