(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Sugar Prices at All-time High: ग्लोबल बाजार में चीनी के दाम 12 साल के उच्च स्तर पर, क्या भारत में भी बढ़ेंगी कीमतें?
Sugar Prices at All-Time High: ग्लोबल बाजार में चीनी की कीमतें 12 साल के उच्चतम स्तर पर आ गई हैं और अब डर है कि देश में भी चीनी के दाम उछाल पर जा सकते हैं.
Sugar Prices at All-Time High: अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमत 28 सेंट प्रति पाउंड से बढ़कर 12 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं. भारत से निर्यात में भारी गिरावट और ब्राजील में लॉजिस्टिक दिक्कतों के कारण चीनी की सप्लाई में कमी देखी जा रही है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमत लगातार कई सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंच रही है. अंतर्राष्ट्रीय चीनी संगठन द्वारा अनुमानित 15-दिवसीय औसत कीमत हाल के हफ्तों में 26 सेंट से ऊपर रही है.
भारत में चीनी के एक्सपोर्ट पर फिलहाल है प्रतिबंध
भारत ने चीनी पर निर्यात प्रतिबंध बढ़ा दिया है. यहां भाव बढ़ने के बाद ऐसा किया गया है. सरकार चाहती है कि कीमत नियंत्रण में रहे, खासकर त्योहारी सीजन के दौरान. भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है और निर्यात में कटौती का असर वैश्विक बाजार पर पड़ता है. भारत ने मिलों को 2022-2023 सीजन के दौरान केवल 6.2 मिलियन टन चीनी निर्यात करने की अनुमति दी थी, जो 30 सितंबर को खत्म हुआ.
2018 के बाद से सबसे कमजोर मानसून इस साल
देश में इस साल 2018 के बाद से सबसे कमजोर मानसून देखा गया है और चालू सीजन में गन्ने के उत्पादन में गिरावट की आशंका है, जिससे कीमत बढ़ने का असर मुद्रास्फीति पर पड़ सकता है. व्यापार अनुमान के अनुसार, भारत में चीनी की कीमत दूसरी तिमाही में साल-दर-साल 5-8 फीसदी बढ़ी है. इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (आईएसएमए) के मुताबिक, 2023-24 विपणन वर्ष में भारत का चीनी उत्पादन 8 फीसदी गिरकर 33.7 मिलियन मीट्रिक टन होने की संभावना है.
चालू सीजन में भी चीनी के एक्सपोर्ट पर बैन की संभावना
इस बात को भी ध्यान में रखना जरूरी है कि कुछ चीनी को इथेनॉल बनाने के लिए उपयोग किया जाता है. चीनी मिलों ने पिछले विपणन वर्ष में इथेनॉल उत्पादन के लिए 4.1 मिलियन टन चीनी का उपयोग किया था और इस वर्ष भी इतनी ही मात्रा आवंटित की जा सकती है. इससे व्यापार जगत में यह आशंका पैदा हो गई है कि घरेलू कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार चालू सीजन में चीनी का निर्यात बंद भी कर सकती है.
चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक ब्राजील लॉजिस्टिक दिक्कतों से परेशान
अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की सप्लाई भी प्रभावित हुई है क्योंकि दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक ब्राजील लॉजिस्टिक समस्याओं का सामना कर रहा है. वहां के बंदरगाह एक अड़चन बनकर उभरे हैं. जहाजों को लोड करने का समय बढ़ गया है और बंदरगाहों पर स्टॉक जमा हो रहा है. उधर सोया की फसल भी आने से समस्या और भी बदतर हो गई है क्योंकि रेलवे और बंदरगाह दोनों ही बुनियादी ढांचे खेप को संभालने के लिए पर्याप्त नहीं हैं.
ये भी पढे़ं