फिलहाल नहीं बढ़ेंगे चीनी के दाम, चीनी पर सेस लगाने का मामला टला
बैठक में सेस से प्रभावित होने वाले 5 प्रमुख राज्यों में से केवल उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र ने ही सेस का समर्थन किया है.
नई दिल्लीः चीनी की मिठास फिलहाल कम नहीं होगी. चीनी पर सेस लगाने का मामला कुछ दिनों के लिए टल गया है. आज हुई जीएसटी की बैठक में सेस लगाने पर चर्चा हुई लेकिन राज्यों के बीच सहमति नहीं बन पाई. चीनी पर सेस लगाने को लेकर आज जीएसटी परिषद की बैठक में कोई फैसला नहीं हो सका.
राज्यों के बीच नहीं बनी सहमति बैठक में सेस से प्रभावित होने वाले 5 प्रमुख राज्यों में से केवल उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र ने ही सेस का समर्थन किया. तमिलनाडु ने विरोध किया जबकि गुजरात ने कुछ शर्तों के साथ इसे लगाने की वक़ालत की. कर्नाटक के वित्त मंत्री ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया. बंगाल ने सेस लगाने का विरोध ये कहते हुए किया कि हर राज्य की अपनी अपनी जरूरत है और हर राज्य को अपनी ज़रूरत के मुताबिक सेस लगाने का प्रस्ताव लाने का मौका दिया जाए. बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने बैठक में कहा कि बंगाल को जूट और महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों को कपास किसानों के लिए सेस की ज़रूरत पड़ सकती है.
मंत्रीसमूह करेगा समीक्षा अब इस मामले की समीक्षा के लिए 5 राज्यों के वित्त मंत्रियों का एक मंत्रीसमूह बनाया जाएगा जिसका गठन दो दिनों में कर दिया जाएगा. गठन के बाद मंत्रीसमूह को दो हफ्ते के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी है. सूत्रों के मुताबिक़ मंत्रीसमूह चीनी ही नहीं बल्कि जीएसटी के अंदर किसी भी सेस लगाने की संभावना पर विचार करेगा.
कानून में बदलाव करना होगा दरअसल जीएसटी लागू होने के बाद ऐसे किसी सेस लगाने का प्रावधान ख़त्म हो चुका है. ऐसे में सेस लगाने के लिए सरकार को क़ानून में बदलाव भी करना पड़ेगा. वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने संकेत दिए कि क़ानून में बदलाव के लिए सरकार अध्यादेश लाने पर भी विचार कर सकती है.