(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Sugar Production: चीनी उत्पादन में 11 फीसदी की गिरावट, दाम बढ़ने से रोकने के लिए कितनी तैयार सरकार?
भारत में चीनी विपणन वर्ष (शुगर मार्केटिंग ईयर) अक्टूबर से सितंबर तक होता है और इस दौरान चीनी उत्पादन में 11 फीसदी की गिरावट आई है. दाम बढ़ने से रोकने के लिए सरकार कितनी तैयार है ये भी जान लीजिए.
Sugar Production: चीनी उत्पादन में दुनिया के दूसरे सबसे बड़े देश भारत के शुगर प्रोडक्शन को लेकर ऐसी खबर आई है जो चिंता का कारण बन सकती है. देश में चीनी के रेट हाल-फिलहाल में तो बढ़ते ही नजर आ रहे हैं और अब चीनी उत्पादन के कम रहने से ये शंका उठ रही है कि आगे चलकर चीनी की मिठास के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है.
इस साल के चीनी विपणन वर्ष में एक अक्टूबर से 15 दिसंबर के दौरान भारत में चीनी उत्पादन 11 प्रतिशत घटकर 74.05 लाख टन रह गया. ये गिरावट सालाना आधार पर देखी गई है यानी पिछले साल की इसी अवधि में चीनी उत्पादन 82.95 लाख टन रहा था.
किन वजहों से आई चीनी के प्रोडक्शन में गिरावट
उद्योग संगठन भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने यह जानकारी दी है कि इस साल महाराष्ट्र और कर्नाटक में उत्पादन कम रहना ही देश में शुगर प्रोडक्शन में गिरावट का मुख्य कारण बना है. इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के बयान के मुताबिक शुगर मार्केटिंग ईयर 2023-24 में 15 दिसंबर तक चीनी उत्पादन 74.05 लाख टन तक रहा जो पिछले साल के मुकाबले 8.9 लाख टन कम है और प्रतिशत में देखें तो 11 फीसदी की गिरावट दिखा रहा है.
महाराष्ट्र और कर्नाटक की चीनी मिलों में देरी से हुआ काम शुरू
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के मुताबिक "इस साल महाराष्ट्र और कर्नाटक की चीनी मिल में पिछले साल की तुलना में करीब 10-15 दिन बाद काम शुरू हुआ और चालू कारखानों की संख्या सालाना आधार पर 497 ही है.
महाराष्ट्र-कर्नाटक में कितना घटा चीनी उत्पादन-ISMA के आंकड़ों से जानें
चीनी वर्ष के दौरान 1 अक्टूबर से 15 दिसंबर तक महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन 33.02 लाख टन से घटकर 24.45 लाख टन रह गया. कर्नाटक में उत्पादन 19.20 लाख टन से घटकर 16.95 लाख टन हो गया.
यूपी में बढ़ा है शुगर प्रोडक्शन
2023-24 के शुगर प्रोडक्शन मार्केटिंग ईयर में उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन बढ़कर 22.11 लाख टन हो गया, जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 20.26 लाख टन था. ये 1 अक्टूबर से 15 दिसंबर तक का आंकड़ा है.
केंद्र सरकार ने चीनी के एक्सपोर्ट पर लगा रखी है पाबंदी
इस्मा ने पिछले हफ्ते अनुमान दिया था कि मार्केटिंग ईयर 2023-24 में कुल चीनी उत्पादन 325 लाख टन (एथनॉल के लिए उपयोग के बिना) होने की उम्मीद है. देश के पास 56 लाख टन का स्टोरेज है और खपत 285 लाख टन रहने का अनुमान है. घरेलू सप्लाई को बढ़ावा देने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने चालू विपणन वर्ष में चीनी के एक्सपोर्ट की मंजूरी नहीं दी है. विपणन वर्ष 2022-23 में भारत ने 64 लाख टन चीनी का एक्सपोर्ट किया था.