Wealth Generation For Daughter: आपके घर में नन्हीं परी के मेहमान बनकर आते ही आप उसके भविष्य को लेकर सपना संजोने लगते हैं. उसकी पढ़ाई-लिखाई से लेकर उसके शादी-विवाह तक का चित्र जन्म के वक्त ही आपकी आंखों के सामने बनने लगता है. बेटी के मां-बाप के इन्हीं सपनों को पंख देने के लिए भारत सरकार 10 साल पहले सुकन्या समृद्धि योजना लेकर आई थी. 10 साल में समय बहुत बदल गया है. अब बेटी को पढ़ाई-लिखाई के लिए थोड़े पैसों के तोहफे की जगह अच्छे धन की सौगात की जरूरत महसूस होने लगी है. सुकन्या समृद्धि योजना बेटी से एक इमोशनल कनेक्ट तो जरूर देता है, परंतु बेटी के लिए वेल्थ जेनरेटर बनने हेतु आपको इमोशनल से ज्यादा इन्वेस्टमेंट कनेक्टर इंस्ट्रूमेंट की जरूरत है. इसलिए आपको यह जानना जरूरी है कि सुकन्या समृद्धि योजना से भी बेहतर रिटर्न आपकी बेटी के लिए क्या-क्या दे सकते हैं.
सुकन्या समृद्धि योजना के ये हैं फायदे
22 जनवरी को सुकन्या समृद्धि योजना के 10 साल पूरे हो जाने के बाद भी इसे पसंद करने वालों की कमी नहीं है. इसका सबसे पहला फायदा तो यह है कि इसका 8.2 फीसदी इंट्रेस्ट रेट बाकी सेविंग्स स्कीम से बेहतर रिटर्न देता है. 10 साल से कम उम्र की बच्चियों के लिए पोस्ट ऑफिस में इस योजना के तहत खाता खोला जा सकता है. बच्ची के 18 साल की उम्र के होने तक माता-पिता इसका संचालन कर सकते हैं. इस खाते में हर साल कम से कम 250 रुपये और अधिक से अधिक डेढ़ लाख रुपये डाले जा सकते हैं. खाता खुलने के 15 साल बाद तक इसमें पैसा जमा किया जा सकता है. खाता खुलने के 21 साल बाद यह एकाउंट मैच्योर्ड होकर बंद हो जाएगा. बेटी के 18 साल के हो जाने के बाद इस एकाउंट से कभी भी कुछ हिस्से को या पूरा पैसा निकाला जा सकता है. जानकारों की राय में यह केवल टैक्स बेनिफिट ही नहीं बेहतर रिटर्न भी देती है.
सुकन्या समृद्धि से और बेहतर क्या हो सकता है
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सुकन्या समृद्धि योजना अच्छा रिटर्न देती है, लेकिन इसका मैच्योरिटी पीरियड 21 साल बाद होने के कारण यह बच्ची के हायर एजुकेशन के लिए अच्छा विकल्प नहीं है. बच्ची के 18 साल होने मात्र से पैसा निकालने पर इससे अच्छा रिटर्न नहीं मिलता है. वहीं इक्विटी म्यूचुअल फंड में पैसा डालने पर इससे बेहतर रिटर्न भी मिल सकता है और बीच में कभी भी पैसा निकालने में दिक्कत नहीं है. 10 साल में पढ़ाई का खर्च बहुत बढ़ गया है. इसलिए सालाना डेढ़ लाख रुपये तक ही अधिक से अधिक जमा करने की सीमा रखना ठीक नहीं है. इसे बढ़ाया जाना चाहिए.
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