कर्ज में फंसी टेक्सटाइल कंपनी सुमीत इंडस्ट्रीज (Sumeet Industries) के समाधान की प्रक्रिया तेजी पकड़ चुकी है. इस कंपनी को खरीदने के लिए अब तक 8 बोलियां प्राप्त हुईहैं. बोलियां लगाने वाले निकायों में देश की सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) और कोलकाता बेस्ड कंपनी एमपीसीआई (MPCI) जैसे नाम शामिल हैं.


जमा कराई गईं बोलियां


ईटी की एक खबर में दिवाला शोधन प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेजों का हवाला देकर यह दावा किया गया है. खबर के अनुसार, भारत व एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज और कोलकाता बेस्ड कंपनी एमपीसीआई समेत 8 कंपनियों ने कर्ज संकट में फंसी सुमीत इंडस्ट्रीज को खरीदने के लिए बोलियां पेश की है. सभी आठ कंपनियों ने अपनी-अपनी बोलियों के साथ में जरूरी दस्तावेज भी जमा करा दिए हैं.


कंपनी के ऊपर इतना कर्ज


बताया जा रहा है कि सुमीत इंडस्ट्रीज के रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल इस महीने की शुरुआत में मिली 8 बोलियों की स्क्रूटनी कर रहे हैं. गुजरात के सूरत शहर में स्थित सुमीत इंडस्ट्रीज धागे और पॉलीस्टर बनाती है. कंपनी के ऊपर लेंडर्स और ऑपरेशनल क्रेडिटर्स का कुल 667 करोड़ रुपये बकाया है. इसमें सबसे ज्यादा हिस्सा बैंक ऑफ बड़ौदा का है.


नहीं बन पाई थी बात


सुमीत इंडस्ट्रीज ने कर्ज संकट में फंसने के बाद उसे अपने स्तर पर सुलटाने का प्रयास किया था. कंपनी ने कर्ज को रिस्ट्रक्चर करने की कोशिशें की थीं, लेकिन उसे सफलता नहीं मिल पाई थी. अंतत: कंपनी को पिछले साल दिसंबर में बैंकरप्सी कोर्ट के सामने पेश होना पड़ गया. अब सुमीत इंडस्ट्रीज के ऊपर दिवाला शोधन कार्यवाही चल रही है और इसके तहत उसे बेचने की प्रक्रिया चल रही है. जिस कंपनी की बोली को सबसे बेहतर पाया जाएगा, उसके ऑफर को सुमीत इंडस्ट्रीज के क्रेडिटर्स स्वीकार कर लेंगे.


इन बैंकों का है उधार


सुमीत इंडस्ट्रीज के ऊपर सबसे ज्यादा बैंक ऑफ बड़ौदा का बकाया है, जो करीब 65 फीसदी है. उसके बाद आईडीबीआई बैंक का 21 फीसदी बकाया है. इनके अलावा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और जर्मनी के ओल्डेनबर्गीश लैंडेसबैंक एजी का भी उधार है.


खरीदने के लिए ये हैं कतार में


सुमीत इंडस्ट्रीज को खरीदने में दिलचस्पी दिखाने वाली कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज और एमपीसीआई के अलावा भोला राम पेपर्स एंड पावर, भिलोसा इंडस्ट्रीज, भूमि टेक्स इंडस्ट्रीज, ईगल ग्रुप, गीलॉन इंडस्ट्रीज और हीरा व्यापारी चुनीभाई गजेरा जैसे नाम शामिल हैं.


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