आखिर गूगल ने सुंदर पिचई में क्या देखा कि उन्हें अपनी पेरेंट कंपनी 'अल्फाबेट' का मुख्य कार्यकारी अधिकारी घोषित कर दिया? ये सवाल हर उस शख्स के मन में कौंध रहा है जो बाजार और तकनीक का थोड़ा सा ज्ञान रखता है. जिस वक्त गूगल ने सीईओ के पद पर सुंदर पिचाई को लाई थी, उस वक्त ट्वीटर ने भी उनको अपने यहां जोड़ने की कोशिश की थी. लेकिन तब गूगल ने 350 करोड़ रुपये का पैकेज देकर अपने से दूर नहीं जाने दिया.
गूगल उनकी प्रतिभा से अभीभूत थी. जिस तरह उन्होंने गूगल को कामयाबी की बुलंदियों पर पहुंचाया, उसे कई विवादों से बाहर निकाला, इसमें उनकी रणनीति का विशेष इनपुट्स नजर आता है.. नफरत फैलाने वाले आरोप, गलत जानकारी, प्राइवेसी और राजनीतिक भेदभाव का सामना कर रही कंपनी को कुशलतापूर्वक उबारा.
गूगल का बढ़ाया मुनाफा, अब अल्फाबेट की जिम्मेदारी
लक्ष्य हासिल करने में उनका ट्रैक रिकॉर्ड गूगल के सह संस्थापक लैरी पेज के बराबर था. उनकी देखरेख में गूगल टूल बार, गूगल क्रोम, एंड्रायड और और गूगल वॉयस सर्च जैसे प्रोजेक्ट शुरू किये गये थे. उनकी पहचान रिकॉर्ड तोड़ सफलता देनेवाले की बन गयी थी. और यही सब देखकर गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट ने उन पर भरोसा जताया.
जहां तक सुंदर पिचाई का बैलेंस शीट बढ़ाने की बात है तो 2015 में गूगल के सीईओ रहते उन्होंने विज्ञापन से 4.35 लाख करोड़ रुपये की आमदनी की. 2016 में 5.55 लाख करोड़, 2017 में 6.10 लाख करोड़ रुपये और 2018 में 8.31 लाख करोड़ रुपये की कमाई की. सीईओ रहते गूगल को हर साल मुनाफा पहुंचाने का सिलसिला बढ़ता गया. यहां तक कि 2018 आते-आते आंकड़ा बढ़कर 8.31 लाख करोड़ रुपये हो गया.
इस तरह उनकी सफलता पर गौर करें तो पाएंगे कि पिछले तीन सालों में विज्ञापन से सालाना आमदनी 85 फीसद की दर से बढ़ाई है. इससे पहले पिचाई 2014 में गूगल में रहते कंपनी के सभी प्रोडक्ट्स और प्लेटफॉर्म्स का नेतृत्व कर चुके थे. उसकी पेरेंट कंपनी अल्फाबेट में सीईओ बनने से पहले ही पिचई 2017 में निदेशक मंडल में शामिल हो गये थे.
अल्फाबेट की कमाई पिछले 15 महीनों से लगातार बढ़ रही है. 2018 में अल्फाबेट का कुल रेवेन्यू 9.52 लाख करोड़ रुपये रहा. और पिछले चार सालों की बात करें तो कंपनी के शेयर में 80 फीसद से ज्यादा रिटर्न देखने को मिला.
मार्केट वैल्यू में अल्फाबेट एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट के बाद तीसरी बड़ी कंपनी है. इससे नीचे अमेजन और फेसबुक हैं. फेसबुक का मार्केट कैप 40.63 लाख करोड़, अमेजन का मार्केट कैप 62.88 लाख करोड़, अल्फाबेट का मार्केट कैप 64. 00 लाख करोड़, माइक्रोसॉफ्ट का मार्केट कैप 81.62 लाख करोड़ और एपल का मार्केट कैप 82.55 लाख करोड़ रुपये है.