Super Rich of India: भारत की 1 फीसदी आबादी के पास देश की 40 फीसदी दौलत, तेजी से बढ़ रही आय
Inequality in India: भारत में आर्थिक असमानता पर आई रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में सुपर रिच लोगों पर लगभग 2 फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगना चाहिए. साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण पर निवेश बढ़ाना चाहिए.
![Super Rich of India: भारत की 1 फीसदी आबादी के पास देश की 40 फीसदी दौलत, तेजी से बढ़ रही आय Super Rich of India holds 40 percent wealth of country their income is also rising so too Inequality Super Rich of India: भारत की 1 फीसदी आबादी के पास देश की 40 फीसदी दौलत, तेजी से बढ़ रही आय](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/20/0b15250eba1ef2a47d08e657eabec0d01710948294641885_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Inequality in India: भारत की 1 फीसदी आबादी के पास देश की 40 फीसदी दौलत इकट्ठी हो गई है. साल 2000 के बाद से देश में अमीरों की दौलत लगातार बढ़ती ही जा रही है. इससे आर्थिक असमानता में भी जबरदस्त इजाफा हुआ है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2022-23 में देश की सबसे ज्यादा अमीर एक फीसदी आबादी की इनकम में हिस्सेदारी बढ़कर 22.6 फीसदी और दौलत में 40.1 फीसदी हो गई है.
देश में तेजी से बढ़ रही असमानता
बुधवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2014-15 से लेकर 2022-23 तक अरबपतियों की दौलत तेजी से बढ़ी है. पैसा एक विशेष समूह के पास इकठ्ठा हो जाने के चलते ही देश में असमानता भी तेजी से बढ़ी है. यह रिपोर्ट थॉमस पिकेटी (पेरिस स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स), लुकास चांसल (हार्वर्ड कैनेडी स्कूल) और नितिन कुमार भारती (न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी) द्वारा तैयार की गई है. रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022-23 तक सबसे अमीर 1 फीसदी लोगों का इनकम और वेल्थ में हिस्सा ऐतिहासिक रूप से बढ़ा है. भारत की शीर्ष 1 फीसदी लोगों की इनकम में हिस्सेदारी दुनिया में सबसे ज्यादा है. यह आंकड़ा दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और अमेरिका से भी ऊपर चला गया है.
इनकम टैक्स सिस्टम में आने चाहिए बदलाव
इस रिपोर्ट में कहा गया कि यदि इन लोगों की संपत्ति के हिसाब से देखा जाए तो पता चलता है कि भारत का इनकम टैक्स सिस्टम नाकाफी है. भारत के आर्थिक आंकड़ों की गुणवत्ता भी काफी खराब है. हाल ही में इसमें गिरावट देखी गई है. भारत को अपने इनकम टैक्स सिस्टम में बदलाव करने चाहिए. साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण पर निवेश बढ़ाना चाहिए. रिपोर्ट में 167 दौलतमंद परिवारों पर लगभग 2 फीसदी सुपर टैक्स (Super Tax) लगाने की वकालत भी की गई है.
1991 के बाद बढ़ना शुरू हुई अमीरों की आय
रिपोर्ट के अनुसार, 1922 में देश के टॉप 1 फीसदी रईसों की इनकम में हिस्सेदारी 13 फीसदी थी. यह आंकड़ा 1982 तक गिरकर 6.1 फीसदी पर आ गया था. इसका जिम्मेदार तत्कालीन सरकारों की सामाजिक नीतियों को माना जाता है. साल 1991 में आर्थिक उदारीकरण का दौर शुरू होने के बाद यह आंकड़ा लगातार बढ़ता ही गया है. यह साल 2022 में सपने सर्वोच्च आंकड़े 22.6 फीसदी को छू गया था.
ये भी पढ़ें
Bank Open Sunday: संडे को खुलेंगे बैंक, रिजर्व बैंक ने लिया बड़ा फैसला
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)