स्पाइसजेट को छह महीने तक क्रेडिट सुइस को हर महीने देने होंगे 10 लाख डॉलर, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश
SpiceJet News: सुप्रीम कोर्ट ने स्पाइसजेट को ग्लोबल इंवेस्टमेंट बैंक और फाइनेंशियल सर्विस फर्म क्रेडिट सुइस को हर महीने 10 लाख डॉलर का पेमेंट करने का निर्देश दिया है.
Spicejet News: लो कॉस्ट बजट एयरलाइन स्पाइसजेट के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से एक बड़ा आदेश आया है. सुप्रीम कोर्ट ने स्पाइसजेट के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अजय सिंह को ग्लोबल इंवेस्टमेंट बैंक और फाइनेंशियल सर्विस फर्म क्रेडिट सुइस को हर महीने 10 लाख डॉलर का पेमेंट करने का निर्देश दिया है. ये पेमेंट स्पाइसजेट को अगले छह महीने की अवधि तक लगातार करना होगा.
स्पाइसजेट, क्रेडिट सुईस को हर महीने पांच लाख डॉलर के रेगुलर पेमेंट के अलावा छह किस्तों में 30 लाख डॉलर का बकाया भी चुकाएगी. इस प्रकार क्रेडिट सुइस को हर महीने 10 लाख डॉलर का प्रभावी ट्रांसफर किया जाएगा. स्पाइसजेट ने पिछले हफ्ते कहा था कि उसने क्रेडिट सुइस को 15 लाख डॉलर ट्रांसफर करके शीर्ष अदालत के निर्देश का अनुपालन किया है. वहीं 11 सितंबर की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने क्रेडिट सुईस को बकाया पेमेंट करने में चूक के लिए कंपनी के सीएमडी को कड़ी चेतावनी जारी की थी.
20 अक्टूबर को मामले की सुनवाई
आज जस्टिस विक्रम नाथ और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने आदेश दिया कि वह अनुपालन की निगरानी के उद्देश्य से 20 अक्टूबर को मामले की सुनवाई करेगी. उसने अगली सुनवाई पर अजय सिंह और कंपनी सेक्रेटरी चंदन सैंड को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट भी नहीं दी है.
इस मामले में क्या-क्या हुआ
सुप्रीम कोर्ट में दायर एक एफिडेविट में अजय सिंह ने स्पाइसजेट द्वारा सहमति शर्तों के तहत अपने दायित्वों को समय पर पूरा नहीं कर पाने के लिए बिना शर्त माफी मांगी है. वहीं सुनवाई के बाद स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट पिछले आदेशों के अनुपालन को ध्यान में रखते हुए अगले छह महीने में 30 लाख डॉलर का बकाया भुगतान करने के उसके प्रस्ताव से सहमत हो गया है.
स्पाइसजेट द्वारा क्रेडिट सुइस को हर महीने पांच लाख डॉलर का पेमेंट करने का वादा करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने एयरलाइंस को लिक्विडेशन से वापस ले लिया था. पिछले साल मई में दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के अनुसार, स्पाइसजेट को हरेक महीने की 15 तारीख तक पांच लाख डॉलर की राशि का भुगतान करना था. इसे सुप्रीम कोर्ट ने समर्थन दिया था.
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