पैन कार्ड के लिये आधार अनिवार्य करने पर सुप्रीम कोर्ट का केन्द्र से सवाल
नई दिल्ली: आज सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल किया है कि परमानेंट एकाउंट नंबर (पैन) कार्ड के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य क्यों किया गया? पैन कार्ड के लिये आधार कार्ड को अनिवार्य बनाये जाने के मामले में केन्द्र सरकार को आज उच्चतम न्यायालय ने कड़े शब्दों में पूछा न्यायालय ने कहा कि "आप आधार कार्ड को अनिवार्य कैसे कर सकते हैं जबकि हमने ये आदेश दिया है कि इसे वैकल्पिक बनाया जाए?" आधार कार्ड को अनिवार्य किए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई चल रही थी. आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में 25 अप्रैल को अगली सुनवाई करेगा.
सरकार ने दिया ये जवाब
सरकार ने अपने रूख को सही ठहराने के लिए दलील दी कि मुखौटा कंपनियों को 'पैसे देने के लिये’ फर्जी पैन कार्ड का इस्तेमाल किया जा रहा है. अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति ए के सिकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की बेंच के सामने ये दलीलें दीं. बेंच ने सवाल किया कि पैन कार्ड के आवेदन के लिये आधार को अनिवार्य क्यों किया गया जबकि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही कह दिया था कि इसे वैकल्पिक बनाया जाना चाहिए.
न्यायालय के इस सवाल पर रोहतगी ने कहा कि सरकार को ऐसे मामलों का पता चला है जिसमे फर्जी राशन कार्ड और दूसरे दस्तोवजों के सहारे अनेक फर्जी पैन कार्ड प्राप्त किये गये और इनका इस्तेमाल फर्जी कंपनियों को पैसे मुहैया कराने के लिये हो रहा था. उन्होंने कहा कि ऐसे उदाहरण है जिसमें एक व्यक्ति के पास कई पैन कार्ड होने का पता चला और इस स्थिति पर काबू पाने के लिये ही पैन कार्ड हेतु आवेदन के लिये आधार को अनिवार्य करने का निर्णय किया गया.
रोहतगी ने कहा, ‘‘अब कानून में इसका प्रावधान है. आयकर कानून की धारा 139एए ऐसा कहती है. अब सिर्फ यही विकल्प है क्योंकि हमें पता चला है कि लोग फर्जी राशन कार्ड के सहारे पैन कार्ड ले रहे हैं और ऐसे पैन कार्ड का इस्तेमाल छद्म कंपनियों को धन पहुंचाने के लिये हो रहा है.’’ इस पर न्यायालय ने कहा कि ‘‘क्या यही उपाय है कि पैन के लिये आपके पास आधार होना चाहिए? इस न्यायालय के आदेश के बावजूद इसे अनिवार्य क्यों बनाया गया?’’ न्यायालय इस मामले में 25 अप्रैल को सुनवाई करेगा.
रोहतगी ने एक अन्य मामले का हवाला देते हुये कहा कि उन्हें पता चला था कि मोबाइल फोन के सिम कार्ड लेने के लिये फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल किया गया और शीर्ष अदालत ने केन्द्र से कहा था कि इसकी जांच के लिये एक सिस्टम बनाया जाये. याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट अरविन्द दातार ने कहा कि उन्होंने आयकर कानून की धारा 139एए की संवैधानिक वैधानिकता को चुनौती दी है जो पैन कार्ड के लिये आवेदन करने और आयकर रिटर्न दाखिल करने हेतु आधार का होना अनिवार्य करता है.
जानिए कब से किया गया है आधार को अनिवार्य
- आयकर कानून की धारा 139एए वर्ष 2017 के वित्त कानून में शामिल की गयी है.
- इसके तहत इस साल 1 जुलाई से आयकर रिटर्न भरते समय और पैन कार्ड नंबर के आवंटन के लिये आवेदन करते समय आधार या आधार के आवेदन फार्म के पहचान नंबर की जानकारी देना अनिवार्य है.