नोएडा : दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पटाखों की बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट की रोक लगने से पटाखा दुकानदारों की मुसीबतें बढ़ गयी हैं. पटाखों की खरीद में लाखों रुपये लगाने वाले दुकानदार मायूस दिख रहे हैं. मोटे आकलन के मुताबिक न्यायालय के आदेश के बाद नोएडा के ही करीब एक हजार पटाखा विक्रेताओं को करोड़ों रुपये का नुकसान झेलना होगा.


दो-तीन महीने पहले ही हो जाती है पटाखों की एडवांस बुकिंग
दिवाली पर पटाखें की दुकान लगाने के लिए लाइसेंस लेने के लिए जिले के करीब 11 सौ दुकानदारों ने आवेदन किया था. प्रशासन की योजना इस बार नोएडा में पटाखों की बिक्री के लिए 50 दुकानें और भंगेल में 18 दुकानों को लाइसेंस आवंटित करने की योजना थी. कोर्ट के आदेश के बाद अब पटाखा दुकानदार खासे मायूस दिख रहे हैं. नया बांस निवासी रामकुमार ने बताया कि अच्छे मुनाफे के लालच में दुकानदार दो-तीन महीने पहले ही पटाखों की एडवांस में बुकिंग करा लेते हैं. जिस दुकानदार के पास पटाखे रखने की जगह होती है. वह अपना माल थोक विक्रेता के यहां से उठा लेता है जिनके पास माल रखने की जगह नहीं होती उनका माल थोक विक्रेता के गोदाम में ही रखा रहता है. दुकानदार दिवाली के दो-दिन पूर्व ही माल को उठाते हैं.

नोएडा में ही सैकड़ों दुकानदारों को करोड़ों रुपये का नुकसान
एक अन्य दुकानदार जतिन चौधरी ने बताया कि प्रत्येक दुकानदार दो से पांच लाख रुपये का माल थोक दुकानदारों से खरीदता है. ऐसे में नोएडा में ही सैकड़ों दुकानदारों को करोड़ों रुपये का नुकसान इस आदेश के बाद हुआ है. हालांकि, कुछ दुकानदार अभी भी इसका हल निकलने की उम्मीद लगाये बैठे हैं. वहीं ऐसे दुकानदार खासे परेशान दिख रहे हैं जिन्होंने पटाखों को खरीद कर रख लिया है. नियम के अनुसार बिना लाइसेंस के पटाखों को इकठ्ठा रखना भी अपराध की श्रेणी में आता है.

दिवाली पर पटाखा बिक्री पर रोक से कारोबारियों को होगा बड़ा नुकसान
देश में हर साल 6000 से 6500 करोड़ रुपये का पटाखा कारोबार होता है जिनमें से 90 फीसदी बिजनेस दिवाली पर होता है. दिवाली पर ही पटाखे बेचने की अनुमति नहीं होगी तो पटाखा दुकानदारों को जबर्दस्त नुकसान होगा. दिवाली से ठीक 10 दिन पहले इस आदेश से पटाखा कारोबारियों के लिए ये बेहद निराशाजनक खबर है जो इस त्योहार के मौके पर अच्छी बिक्री की उम्मीद लगाए बैठे थे. कई पटाखा विक्रेताओं ने सवाल भी उठाया है कि अगर बैन ही लगाना था तो उन्हें लाइसेंस दिए क्यों गए थे. अब उनकी दुकानें पटाखों से भरी हैं पर वो उसे बेच नहीं सकते, उनके नुकसान की भरपाई कैसे होगी?