Adani-Hindenberg Issue: अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट पर गठित सुप्रीम कोर्ट की कमिटी की जांच रिपोर्ट के मुताबिक सेबी ने ये पाया है कि 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के सार्वजनिक किए जाने से पहले कुछ कंपनियों या लोगों ने अडानी समूह के स्टॉक्स में शार्ट पोजीशन पहले से ही ले लिया था. और रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बाद जैसे ही अडानी समूह के स्टॉक्स में बड़ी गिरावट आई इन लोगों ने अपने पोजीशन को स्क्वायर ऑफ ( वापस शेयर खरीद कर) मोटा मुनाफा बनाया. 


कमिटी ने रिपोर्ट में कहा कि इन सभी मुद्दों पर सेबी की जांच चल रही है इसलिए इनके मेरिट पर फिलहाल कोई राय कमिटी नहीं दे रही है. पैनल ने कहा कि इस समय रेग्यूलेटर सेबी की विफलता के निष्कर्ष पर कुछ भी कहना संभव नहीं है क्योंकि शेयरों के भाव में भारी उतार -चढ़ाव का संज्ञान लेने के लिए सेबी के पास एक्टिव और वर्किंग सर्वलांस फ्रेमवर्क है जो ये पता लगाता है कि शेयर के प्राइस में कोई हेरफेर तो नहीं किया गया है.


पैनल में अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 24 जनवरी 2023 तक रिटेल निवेशक और हाई नेटवर्थ निवेशकों को मिलाकर कुल 33 लाख निवेशक अडानी समूह के स्टॉक्स मे निवेशित थे जिनके निवेश का वैल्यू 57500 करोड़ रुपये था. लेकिन इन शेयरधारकों के शेयरों का वैल्यू 24 जनवरी और 27 फरवरी 2023 के बीच 51 फीसदी नीचे आ गई और निवेशकों के निवेश में 29200 करोड़ रुपये की सेंध लग गई. हालांकि बाद में समूह के शेयरों में थोड़ी रिकवरी आने के बाद रिटेल निवेशकों और एचएनआई को हुआ नुकसान घटकर 38 फीसदी या 21,850 करोड़ रुपये रह गया.


सुप्रीम कोर्ट के पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सेबी के मुताबिक अडानी समूह के स्टॉक्स में गिरावट के चलते रिटेल निवेशक को 3700 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. वहीं हाई नेटवर्थ निवेशकों को 22000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. हिंडनबर्ग रिपोर्ट के सामने आने के बाद 27 फरवरी तक अडानी समूह के मार्केट कैप में 12.4 लाख करोड़ रुपये की कमी आ गई जो 9 मार्च को 10 लाख करोड़ रुपये थी.  


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