Adani Supreme Court Hearing: हिंडनबर्ग रिसर्च के अडानी समूह के खिलाफ जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को तीन महीने का समय और दे दिया है. 14 अगस्त तक सेबी के जांच पूरी कर कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी. हालांकि कोर्ट ने यह भी संकेत दिया कि और जरूरत हुआ तो और भी समय दिया जा सकता है. इससे पहले मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सवाल किया कि हमें बताए आपने अब तक क्या किया है. हमने आपको दो महीने का समय पहले ही दिया था और अब उसे अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है जो पांच महीने हो जाता है.
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि बताया कि कोर्ट द्वारा गठित एक्सपर्ट कमिटी ने टाइमलाइन को ध्यान में रखते हुए कोर्ट के आदेश के मुताबिक अपनी रिपोर्ट दो महीने में सौंप दी. कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले की सुनवाई 11 जुलाई 2023 को होगी. चीफ जस्टिस ने कोर्ट की मदद करने के लिए एक्सपर्ट कमिटी को बने रहने के लिए कहा है. तब तक उन्होंने कमिटी से आपसी चर्चा करने करने का अनुरोध किया है जिससे अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट की आगे मदद की जा सके. मुख्य न्यायाधीश ने एक्सपर्ट कमिटी की रिपोर्ट सभी पक्षों और उनके वकीलों को उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं.
इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कोर्ट को बताया कि सेबी 2016 के पहले से अडानी समूह के खिलाफ जांच कर रही है. उन्होने पूछा कि जांच में अब तक क्या निकला. प्रशांत भूषण ने कहा कि ये साफ नजर आ रहा है कि अडानी समूह को बचाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में कई शिकायतें मिलने के बाद भी कुछ भी नहीं किया. प्रशांत भूषण ने कहा कि एक साल के भीतर अडानी के शेयर्स में 10,000 फीसदी का उछाल आता है तो चेत जाना चाहिए था. उन्होंने पूछा कि इन जांचों का क्या हुआ?
प्रशांत भूषण ने कोर्ट को बताया कि संसद में डेढ़ साल पहले के सवाल जवाब से पता लगता है कि सेबी अडानी समूह के खिलाफ जांच कर रही थी. इसपर एसजी तूषार मेहता ने कहा कि जांच की सभी बातें रिकॉर्ड पर रखने की मांग की जा रही है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है.
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