Benami Transactions Act: जिन लोगों के खिलाफ 1 नवंबर, 2016 के पहले किए बेनामी ट्रांजैक्शन (Benami Transaction) को लेकर कार्रवाई की जा रही है उन लोगों को सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिए गए महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि साल 2016 में बेनामी कानून (Benami Law) में किया गया संशोधन आगे की तारीख ( Prospectively) से ही लागू होगा. और  सुप्रीम कोर्ट ने इसी से जुड़े गणपति डीलकॉम मामले में कोलकाता हाईकोर्ट के दिए फैसले को सही ठहराया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद 1 नवंबर, 2016 से पहले किए गए बेनामी ट्रांजैक्शन को लेकर अगर किसी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है  तो उसे अमान्य करार दिया जाएगा. ये फैसला सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच जिसमें मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना, जस्टिस कृष्णा मुराड़ी और जस्टिस हीमा कोहली शामिल थीं उन्होंने दिया है. 


सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से उन लोगों को बड़ी राहत मिली है जिनके खिलाफ 1 नवंबर 2016 के पहले किए बेनामी ट्रांजैक्शन को लेकर बेनामी कानून के तहत कार्रवाई की जा रही है. हालांकि आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से उन लोगों को कोई राहत नहीं मिलेगी जिन्होंने एक नवंबर, 2016 या उसके बाद नोटबंदी के दौरान कोई बेनामी ट्रांजैक्शन किया है. 


सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बेनामी ट्रांजैक्शन संशोधन कानून 2016 का सेक्शन 3(2) असंवैधानिक है. क्योंकि बेनामी कानून आगे की तारीख से लागू होगा ना कि पुराने मामलों पर भी लागू माना जाएगा.  बेनामी ट्रांजैक्शन संशोधन कानून 2016 का सेक्शन 3(2) के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति बेनामी ट्रांजैक्शन करता है तो उसे सात सालों की सजा के साथ प्रॉपर्टी के फेयर वैल्यू के 25 फीसदी के बराबर जुर्माना लगाया जा सकता है. साथ ही बेनामी संपत्ति को जब्त करने का भी प्रावधान कानून में मौजूद है.  सुप्रीम कोर्ट ने साफतौर पर कहा कि पूर्व काल (Retrospectively) ये कानून लागू नहीं किया जा सकता है. 


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