रिलायंस ने बिग बाजार को अधिग्रहण करने के लिए बिग बाजार की कंपनी फ्यूटर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के साथ समझौता किया था लेकिन इस समझौते के खिलाफ अमेजन कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई कर ली और फैसला को सुरक्षित रख लिया. रिलायंस रिटेल में फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के विलय के लिए 24,713 करोड़ रुपए के सौदा हुआ है. लेकिन इससे पहले फ्यूचर रिटेल की एक अनुषंगी कंपनी को बेचने के लिए अमेजन से डील तय हो गई थी. इसी आधार पर अमेरिका की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजनडॉटकॉम एनवी इन्वेस्टमेंट होंल्डिंग्स एलएलसी आपातकालीन पंचाट में मामले को रखा था. अमेजन ने कोर्ट में कहा है कि सिंगापुर के आपातकालीन पंचाट (ईए) का एफआरएल को रिलायंस रिटेल के साथ विलय सौदे से रोकने का फैसला वैध है और इसका क्रियान्वयन कराया जाना चाहिए.


आपातकालीन पंचाट के लिए भारत में कोई प्रावधान नहीं 
इस मामले में एफआरएल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और अमेजन की ओर से वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रहमण्यम ने अपनी-अपनी दलीलें दीं, जिसके बाद न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने कहा, तो अब हम मामला (सुनवाई) बंद करते हैं. फैसला सुरक्षित रखा जाता है. साल्वे ने पंचाट के फैसले की वैधता और उसके क्रियान्वयन के योग्य होने संबंधी निर्णयों का जिक्र किया और कहा कि मध्यस्थता और सुलह पर भारतीय कानून के तहत आपातकालीन पंचाट के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है और किसी भी मामले में इस आशय का कोई मध्यस्थता समझौता नहीं है. साल्वे ने आपातकालीन पंचाट के फैसले को वैध बताने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश के आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय कानून के तहत ईए के लिए कोई प्रावधान नहीं है. अमेजन की ओर से गोपाल सुब्रहमण्यम कहा कि फ्यूचर ग्रुप के बियानी परिवार ने कुछ समझौता करने के लिए उसके साथ बातचीत की थी और वह ईए के उस फैसले को मानने के लिए बाध्य हैं, जिसमें एफआरएल को रिलायंस रिटेल के साथ विलय के सौदे पर आगे बढ़ने से रोक लगायी गयी है. उसने दोहराया कि ईए का फैसला लागू किया जाना चाहिए. 


अमेजन ने सिंगापुर के आपातकालीन पंचाट में मामला दर्ज कराया था 
अमेजन ने रिलायंस-एफआरएल सौदे का रास्ता साफ करने वाले दिल्ली हाई कोर्ट की खंड पीठ के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. पीठ ने आठ फरवरी को सौदे के संबंध में एकल न्यायाधीश के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें उन्होंने एफआरएल और विभिन्न वैधानिक निकायों से यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा था. फ्यूचर समूह ने पिछले साल अगस्त में अपनी खुदरा, थोक बिक्री, साजो सामान और गोदाम इकाइयों को रिलायंस को बेचने का समझौता किया था. इसके बाद अमेजन फ्यूचर समूह द्वारा अनुबंध के कथित उल्लंघन का मामला ईए में लेकर गई.


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