Supriya LifeScience IPO: आज से खुल गया फार्मा कंपनी सुप्रिया लाइफसाइंस का 700 करोड़ रुपये का IPO, निवेश से पहले जान लें हर बात
Supriya Lifescience IPO: शेयर बाजार में फार्मा API कारोबार से जुड़ी एक कंपनी का IPO आ रहा है. इस कंपनी की बाजार के जरिए 700 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है. जानिए ग्रे-मार्केट प्राइस के बारे में.
Supriya Lifescience IPO: एक्टिव फार्मास्युटिकल्स इंग्रीडिएंट्स यानि API मैन्युफैक्चरर सुप्रिया लाइफसाइंस (Supriya Lifescience) का इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) आज से सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया. IPO के लिए कंपनी ने प्राइस बैंड 265-274 रुपये प्रति शेयर तय किया है. ऑफर 20 दिसंबर को बंद होगा. कंपनी अपने पब्लिक ऑफर के जरिए 700 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है. ग्रे मार्केट में फार्मा कंपनी की मजबूत मांग है और यह अपर प्राइस बैंड 91 फीसदी प्रीमियम पर कारोबार कर रहा है.
कंपनी ने अपने पब्लिक इश्यू के माध्यम से 700 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है. इसमें से 200 करोड़ रुपये के शेयर जारी किए गए हैं और प्रमोटर सतीश वामन वाघ द्वारा 500 करोड़ रुपये के शेयर बिक्री की पेशकश भी शामिल है. प्रमोटर सतीश वामन वाघ के पास सुप्रिया लाइफसाइंस में 99.98 फीसदी इक्विटी शेयरहोल्डिंग है. इश्यू के बुक रनिंग लीड मैनेजर ICICI सिक्योरिटीज और एक्सिस कैपिटल हैं.
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ग्रे मार्केट में बंपर मांग
सुप्रिया लाइफसाइंज की ग्रे मार्केट में जबरदस्त मांग है. इश्यू प्राइस 274 रुपये के मुकाबले ग्रे मार्केट में इसका भाव 250 रुपये या 91.2 फीसदी प्रीमियम के साथ 524 रुपये पर है.
ये है लॉट साइज
निवेशक न्यूनतम 54 इक्विटी शेयरों के लिए और उसके बाद 54 शेयरों के गुणकों में बोली लगा सकते हैं. रिटेल निवेशक एक लॉट के लिए न्यूनतम 14,796 रुपये के शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं और उनका अधिकतम निवेश 13 लॉट के लिए 1,92,348 रुपये होगा, क्योंकि उन्हें आईपीओ में 2 लाख रुपये तक निवेश करने की ही अनुमति है.
कुल ऑफर साइज में से 75 फीसदी क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स यानि QIBs के लिए, 10 फीसदी रिटेल निवेशकों के लिए और बाकी 15 फीसदी नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व है.
ये है रणनीति
कंपनी सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के अलावा, पूंजीगत व्यय आवश्यकताओं और लोन की अदायगी के लिए नए इश्यू मिली रकम का उपयोग करेगी. अक्टूबर 2021 तक कंपनी के पास 38 एक्टिव फार्मास्यूटिकल्स इंग्रीडिएंट्स (API) का उत्पाद है, जो एंटीहिस्टामाइन, एनाल्जेसिक, एनेस्थेटिक, विटामिन, एंटी-अस्थमा और एंटीएलर्जिक जैसे थिरापुटिक क्षेत्र पर केंद्रित हैं.
यह वित्तीय वर्ष 2017 और 2021 के बीच भारत से एपीआई निर्यात में क्रमशः 45-50 फीसदी और 60-65 फीसदी का योगदान करते हुए, भारत से Chlorpheniramine Maleate और Ketamine Hydrochloride का लगातार सबसे बड़ा निर्यातक रहा है. यह भारत में सालबुटामोल सल्फेट के सबसे बड़े निर्यातकों में से भी एक था, जो वित्त वर्ष 2011 में मात्रा के लिहाज से भारत से API निर्यात में 31 प्रतिशत का योगदान देता है.