Jaypee Infratech: नोएडा के लगभग 20 हजार घर खरीदारों को खुशखबरी मिलने वाली है. सुरक्षा ग्रुप (Suraksha Group) जल्द ही जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (Jaypee Infratech) का कंट्रोल अपने हाथों में लेने वाला है. इसके साथ ही लगभग 15 साल पहले जेपी इंफ्राटेक के प्रोजेक्ट्स में घर की उम्मीद में इनवेस्टमेंट करने वाले लगभग 20000 लोगों के लिए उम्मीद की नई किरण जगी है.
रुके हुए 9 प्रोजेक्ट का कंस्ट्रक्शन होगा शुरू
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) से जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड के लिए अपनी समाधान योजना को मंजूरी मिलने के बाद सुरक्षा ग्रुप अगले हफ्ते एक बैठक के बाद कंपनी का कंट्रोल अपने हाथ में लेने के लिए तैयार है. इसके साथ ही नोएडा के विश टाउन और अन्य क्षेत्रों में 9 रुके हुए प्रोजेक्ट का कंस्ट्रक्शन दोबारा शुरू हो सकता है. इन प्रोजेक्ट में लोगों का पैसा 15 से 20 साल से फंसा हुआ है.
रेजोल्यूशन प्लान को पिछले हफ्ते मिली थी मंजूरी
जेपी इंफ्राटेक के लिए सुरक्षा ग्रुप के रेजोल्यूशन प्लान को पिछले हफ्ते एनसीएलएटी से मंजूरी मिली थी. अब सुरक्षा ग्रुप कर्ज में डूबी जेपी इंफ्राटेक का कंट्रोल लेने के लिए तैयारी करने में जुट गया है. फिलहाल जेपी इंफ्राटेक का कामकाज एक समिति आईएमसी द्वारा देखा जा रहा है. इस समिति को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने बनाया था. इसमें सुरक्षा ग्रुप, जेपी इंफ्राटेक, घर खरीदार और इंटरिम रेजोल्यूशन प्रोफेशनल शामिल हैं.
यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी ने भी दी जानकारी
यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी (YEIDA) के सीईओ अरुण वीर सिंह ने कहा कि सुरक्षा ग्रुप ने हमें जेपी इंफ्राटेक का अधिग्रहण करने की योजना के बारे में सूचित किया है. मॉनिटरिंग कंपनी की बैठक मंगलवार को होनी है. अधिग्रहण के बारे में जल्द ही घोषणा की जाएगी. इससे रुकी हुई परियोजनाओं पर निर्माण शुरू करने का मार्ग प्रशस्त होगा. यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी के पास उन जमीनों का कंट्रोल है, जहां यह प्रोजेक्ट बनने वाले हैं. उन्होंने बताया कि सुरक्षा ग्रुप के अधिकारी शुक्रवार को हमारे साथ एक बैठक करेंगे. इसमें किसानों के मुआवजे के भुगतान की योजना बनाई जाएगी. कंपनी से पैसा मिलते ही हम ग्रामीणों के बीच पैसा बांटना शुरू कर देंगे.
किसानों को मिलेंगे 1,335 करोड़ रुपये
NCLAT ने किसानों को मुआवजे के रूप में सुरक्षा ग्रुप को अगले 4 साल में यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी को 1,335 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया था. सुरक्षा ग्रुप ने अप्रैल में 1,216 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया था. हालांकि, एनसीएलएटी ने अतिरिक्त 118.3 करोड़ रुपये देने का आदेश दिया. यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी ने 1,689 करोड़ रुपये का अनुरोध किया था. अब वह अपने फंड से बाकी के पैसे का इंतजाम करेगी.
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