Work From Home: कोरोना महामारी के बाद से ही वर्क फ्रॉम होम का कल्चर बहुत आम हो चुका है. कंपनियां अपने कर्मचारियों को लंबे वक्त से यह सुविधा दे रही है कि वह घर से काम करें. वर्क फ्रॉम होम पर किए गए सर्वे में यह पता चला है कि जो कंपनियां कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दे रही है उनका रेवेन्यू ग्रोथ बाकी कंपनियों की मुकाबले चार गुना तक ज्यादा है.
554 कंपनियों के बीच कराया गया सर्वे
ब्लूमवर्ग में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस डाटा को कुल 554 कंपनियों के बीच कराए गए सर्वे के आधार पर बनाया गया है. ध्यान देने वाली बात ये है कि इन कंपनियों में कुल 2.67 करोड़ लोगों को रोजगार दे रही है. सर्वे में उन कंपनियों को शामिल किया गया है जो या तो पूरी तरह से वर्क फ्रॉम होम के मॉडल पर चल रही है या कर्मचारियों को ऑफिस या घर से काम करने की सुविधा का चुनाव की आजादी दे रही है.
Scoop Technologies and Boston Consulting Group के सर्वे के अनुसार साल 2020 से 2022 के बीच के डाटा से यह पता चला है कि इन कंपनियों के सेल्स में 21 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है. वहीं हाइब्रिड या वर्क फ्रॉम ऑफिस मॉडल में इस दौरान केवल 5 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है.
हाइब्रिड मॉडल कंपनियों को हो रहा ज्यादा फायदा
इस सर्वे में यह भी पता चला है कि जिन कंपनियों ने हाइब्रिड मॉडल को अपनाया है उनमें सेल्स रेवेन्यू ग्रोथ में ऑफिस मॉडल की तुलना में दो गुने तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. बता दें कि हाइब्रिड मॉडल में कंपनियां अपने कर्मचारियों को हफ्ते के कुछ दिन घर से और कुछ दिन ऑफिस से काम करने के सुविधा देती है. इस सर्वे पर बात करते हुए Scoop Technologies के को फाउंडर और सीईओ ने कहा कि रॉब सैडो ने कहा है कि जो कंपनियां वर्क फ्रॉम होम मॉडल पर काम करती है वह कर्मचारियों की हायरिंग ज्यादा कर पाती है. इसके साथ ही इससे कंपनी का कवरेज एरिया ज्यादा होता है जिसका असर कंपनी के रेवेन्यू पर दिखता है.
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