Suzlon Stock: 6 महीने में पैसा डबल करने वाले शेयर पर लगाम, अब थम सकती है सुजलॉन की ऊंची उड़ान
Suzlon Rating: सुजलॉन ने बीते कुछ समय के दौरान अपने शेयरधारकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है. उसे शेयर बाजार के सबसे अच्छे मल्टीबैगरों में गिना जाता है...
मल्टीबैगर ग्रीन एनर्जी स्टॉक सुजलॉन को पसंद करने वाले निवेशकों को आगे झटका लग सकता है. ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने सुजलॉन एनर्जी की रेटिंग बदल दी है. सुजलॉन शेयरों की रेटिंग को ओवरवेट से घटाकर इक्वलवेट कर दिया गया है. हालांकि, सुजलॉन के शेयर के टारगेट प्राइस को बढ़ाया गया है.
शुक्रवार को शेयर पर हुआ असर
मॉर्गन स्टेनली ने सुजलॉन एनर्जी के शेयरों की रेटिंग को ओवरवेट से डाउनग्रेड करके इक्वलवेट किया है. इसके बाद विंड एनर्जी सॉल्यूशंस कंपनी का शेयर शुक्रवार को 2 फीसदी तक गिरकर 80.5 रुपये पर आ गया था. हालांकि, बाद में शेयर संभला और कारोबार समाप्त होने के बाद 0.78 फीसदी की गिरावट के साथ 81.20 रुपये पर बंद हुआ.
इतना बढ़ा दिया टारगेट प्राइस
किसी शेयर को ओवरवेट कहे जाने का मतलब है कि वह अपने सेक्टर के दूसरे स्टॉक्स की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेगा. वहीं इक्वलवेट का मतलब शेयर का रिटर्न संबंधित इंडेक्स या इंडस्ट्री के बाकी शेयरों की तरह ही रहने से होता है. हालांकि रेटिंग घटाने के बावजूद, मॉर्गन स्टेनली ने सुजलॉन के लिए टारगेट प्राइस को बढ़ाकर 88 रुपये कर दिया है. पहले उसने इस शेयर को 73 रुपये का टारगेट दिया था. इसका मतलब है कि शेयर शुक्रवार के बंद भाव से अभी 8 फीसदी का रिटर्न दे सकता है.
बीते दिनों में शेयर ने दिया ऐसा रिटर्न
सुजलॉन पिछले कुछ वक्त में निवेशकों के लिए मल्टीबैगर रिटर्न देने वाला स्टॉक साबित हुआ है. सुजलॉन ने पिछले 6 महीने में 111 फीसदी का रिटर्न दिया है, जबकि साल भर में इस शेयर ने निवेशकों को 216 फीसदी से ज्यादा का तगड़ा रिटर्न दिया है... ऑर्डर बुक में शानदार वृद्धि, कंपनी की बैलेंस शीट में सुधार और ऑपरेशन से मजबूत कैश फ्लो के दम पर सुजलॉन शेयर ने धमाकेदार प्रदर्शन किया है.
भारी-भरकम ऑर्डर मिलने की उम्मीद
मॉर्गन स्टेनली का मानना है कि अनुकूल प्रतिस्पर्धा के बीच सुजलॉन भारत की विंड एनर्जी सेक्टर की ग्रोथ में अहम बेनिफिशियरी बनी हुई है. साथ ही उसमें अपनी बाजार हिस्सेदारी को 35 से 40 फीसदी के बीच बढ़ाने की क्षमता है. रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में ऑर्डर से जुड़ी गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं. मॉर्गन स्टेनली को वित्त वर्ष 2025 से 2030 तक 32 गीगावाट के नए ऑर्डर मिलने की उम्मीद है.
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