जोमैटो के बाद अब फूड डिलीवरी कपनी स्विगी ने भी अपनी यूपीआई सर्विस की शुरुआत की है. यूपीआई के बाजार में इस तरह नए-नए प्लेयर तेजी से आ रहे हैं, जो गूगलपे और फोनपे जैसे दबदबे वाले यूपीआई ऐप के मार्केट शेयर को नुकसान पहुंचा सकता है.


स्विगी को नई सर्विस से ये उम्मीद


स्विगी ने बतया कि उसने पेमेंट के लिए थर्ड पार्टी ऐप पर निर्भरता कम करने के लिए अपनी यूपीआई सर्विस की शुरुआत की है. कंपनी का कहना है कि इस सर्विस के शुरू करने से उसके ग्राहकों को भी सहूलियत होगी. जहां ग्राहकों को ऑर्डर प्लेस करने के बाद पेमेंट करने के लिए किसी और ऐप को खोलने की जरूरत नहीं पड़ेगी, वहीं स्विगी को उम्मीद है कि इस सर्विस से पेमेंट फेल होने के मामले भी कम होंगे.


जोमैटो ने पिछले साल की शुरुआत


इससे पहले स्विगी की प्रतिस्पर्धी फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो भी अपनी यूपीआई सर्विस शुरू कर चुकी है. हालांकि स्विगी की सर्विस जोमैटो से अलग है. जोमैटो की यूपीआई सर्विस अन्य पेमेंट ऐप की तरह है. उसे आरबीआई ने डिजिटल पेमेंट ऐप की तरह काम करने की मंजूरी दी थी. वहीं स्विगी की सर्विस यूपीआई प्लगइन के जरिए लॉन्च की गई है. कंपनी ने इस सर्विस को यस बैंक और जसपे के साथ पार्टनरशिप में शुरू किया है.


अभी कर्मचारियों के साथ टेस्टिंग


स्विगी की ये सर्विस अभी आम ग्राहकों के लिए उपलब्ध नहीं हुई है. मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, फूड डिलीवरी कंपनी ग्राहकों के लिए यूपीआई सर्विस की शुरुआत करने से पहले अपने कर्मचारियों के साथ उसकी टेस्टिंग कर रही है. यह परीक्षण पिछले महीने से चल रहा है. स्विगी अपने ग्राहकों को अगले कुछ महीने में चरणबद्ध तरीके से यूपीआई की सर्विस मुहैया कराएगी.


बाजार में प्रमुख यूपीआई पेमेंट ऐप


हाल-फिलहाल में कई कंपनियों ने अपनी यूपीआई सर्विस शुरू की है. अभी यूपीआई पेमेंट ऐप के बाजार में गूगलपे और फोनपे का दबदबा है. जनवरी में रिजर्व बैंक के द्वारा एक्शन के बाद तीसरी सबसे बड़ी प्लेयर पेटीएम की हिस्सेदारी तेजी से कम हुई है. बाजार में अभी गूगलपे और फोनपे के अलावा पेटीएम, जोमैटो, फ्लिपकार्ट, गोआइबिबो, मेक माइ ट्रिप, टाटा निउ, क्रेड जैसे ऐप भी यूपीआई से पेमेंट की सुविधा दे रहे हैं.


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