Swiss Investments In India Update: स्विट्जरलैंड (Switzerland) की दिग्गज कंपनियों का भारत में निवेश बढ़ता जा रहा है और आने वाले दिनों में निवेश का ये आंकड़ा 100 बिलियन डॉलर को छू सकता है. पहले स्विस कंपनियों का झुकाव चीन की तरफ था. मार्च महीने में यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (European Free Trade Association) के साथ ट्रेड एंड इकोनॉमिक पार्टनरशिप (TEPA) पर हस्ताक्षर हुआ था. यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन का सबसे बड़ा सदस्य देश स्विट्जरलैंड है. एक बार इस डील को मंजूरी मिल गई तो उसके बाद भारत में स्विस निवेश की बाढ़ आ सकती है. 


भारत के बाजार पर नजर


रीजनल ट्रेड डील के अमल में आने के बाद इंजीनियरिंग कंपनी एबीबी (ABB) और ट्रांसपोर्ट फर्म कुएने+नागेल (Kuehne+Nagel) जैसी स्विस कंपनियां भारत में 100 बिलियन डॉलर तक निवेश कर सकती हैं. यूरोपीय फ्री ट्रेड एसोसिएशन के साथ जो डील हुई है उसे मंजूरी मिलने के बाद स्विस निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा. यूरोपीय फ्री ट्रेड एसोसिएशन के दूसरे सदस्य देशों में नार्वे (Norway), आइसलैंड (Iceland) और   लिक्टेंस्टाइन (Liechtenstein) है.  इन देशों की कंपनियों की नजर 140 करोड़ आबादी वाले देश के बड़े बाजार पर है जहां उन्हें अपना माल खपाने में मदद मिलेगी. यूरोपीय कारोबारियों को लगता है कि भारत के मुकाबले चीन (China) की अर्थव्यवस्था के विकास की रफ्तार धीमी पड़ चुकी है. इन कंपनियों को भारत के मजबूत आर्थिक विकास का बड़ा फायदा मिल सकता है. वहीं भारत से फार्मासुटिकल्स, कपड़े और मशीनरी के एक्सपोर्ट्स को बढ़ावा मिल सकेगा. 


10 लाख रोजगार का होगा सृजन 


टेपा (Trade and Economic Partnership) के चलते 94.7 फीसदी एक्सपोर्ट्स पर टैरिफ 22 फीसदी से घटकर शून्य हो जाएगा जिससे ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन के दूसरे देशों की कंपनियों के मुकाबले स्विस कंपनियों को ज्यादा लाभ होगा. यूरोपीय फ्री ट्रेड एसोसिएशन बेस्ड कंपनियों के 15 वर्षों में 100 बिलियन डॉलर के निवेश से भारत में 10 लाख रोजगार के अवसर तैयार होंगे और बदले में भारत ने वादा किया है कि इन कंपनियों को निवेश के लिए बेहतर माहौल तैयार कर देगा. 


ABB बढ़ा रही मौजूदगी 


रॉयटर्स के रिपोर्ट के मुताबिक, एबीबी के सीईओ मॉर्टेन व्हीरॉड (Morten Wierod) ने कहा, भारत तेजी से विकास कर रहा है. उन्होंने कहा, पिछले तीन सालों में कंपनी का औसत आर्डर साइज 27 फीसदी के दर से बढ़ा है. डिमांड को पूरा करने के लिए एबीबी भारत में फैक्ट्रियां, ऑफिसेज और शोरूम तैयार कर रही है. 2023 तक 8 प्रोजेक्ट्स को पूरा किया जा चुका है और 2020 के बाद कंपनी ने अपने वर्कफोर्स को 6000 से बढ़ाकर 10000 कर दिया है. एबीबी के सीईओ ने कहा, भारत कंपनी का पांचवा सबसे बड़ा बाजार है और अमेरिका और चीन के बाद तीसरा बड़ा बाजार बनने की राह पर है.  


स्विस एक्सपोर्ट्स बढ़ाने की कवायद


मौजूदा समय में भारत में स्विस एक्सपोर्ट्स बेहद कम है. साल 2023 में कुल स्विस कंपनियों के कुल मैकैनिकल और इलेक्ट्रिकल एक्सपोर्ट्स का 1.5 फीसदी ही भारत में एक्सपोर्ट किया गया था हालांकि उसकी हिस्सेदारी में 8 फीसदी का उछाल आया है. कुएने+नागेल भारत में लगातार विस्तार कर रही है. उसके वर्कफोर्स 2019 में 2850 से बढ़कर 4800 हो चुका है. कंपनी चेन्नई, गुरुग्राम, कोलकाता में अपने सेंटर्स खोल रही है. भारत में कंपनी के एमडी अनीश झा ने कहा, नेशनल लॉजिस्टिकल प्लान जैसी सरकारी की योजना के चलते सड़क, रेल और पोर्ट्स में निवेश बढ़ा है जिससे बड़ा फायदा मिल रहा है.  


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