हेल्थ इंश्योरेंस वहीं लें जो इलाज से जुड़े सभी खर्चों को कवर करे, अपनी जरुरत को समझकर चुनें प्लान
अधिकतम चीजों को कवर करने वाली पॉलिसी चुनने पर आपकी जेब से कम से कम खर्च होगा. इंश्योरेंस कवर की राशि न बहुत ज्यादा और न ही बहुत कम.
![हेल्थ इंश्योरेंस वहीं लें जो इलाज से जुड़े सभी खर्चों को कवर करे, अपनी जरुरत को समझकर चुनें प्लान Take health insurance only which covers all the expenses related to treatment, choose the plan after understanding your needs. हेल्थ इंश्योरेंस वहीं लें जो इलाज से जुड़े सभी खर्चों को कवर करे, अपनी जरुरत को समझकर चुनें प्लान](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/12/20035840/HEALTH-INSURENCE.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
कोरोना संकट के बाद से हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर लोगों में जागरुकता बढ़ी है और लोगो अधिक से अधिक स्वास्थ्य बीमा करा रहे हैं. हेल्थ इंश्योरेंस मुश्किल समय में आपको सही स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराता है.
स्वास्थ्य बीमा लेते वक्त यह ध्यान रखें कि ऐसी पॉलिसी ली जाए जिसमें इलाज के दौरान होने वाले सभी खर्चें शामिल हों. जिस पॉलिसी में जितना ज्यादा कवरेज मिलेगा वही पॉलिसी बुरे वक्त में आपको ज्यादा मदद पहुंचाएगी. हम आपको बता रहे हैं हेल्थ पॉलिसी से जुड़ीं कुछ जरुरी बातें.
अधिकतम चीजों को कवर करने वाली पॉलिसी चुनें हेल्थ पॉलिसी खरीदने से पहले यह जान लें कि उसमें कितना और क्या-क्या कवर होगा. पॉलिसी वही अच्छी होती है ज्यादा से ज्यादा चीजें जैसे टेस्ट का खर्च और एम्बुलेंस का खर्च कवर हो. अधिकतम चीजों को कवर करने वाली पॉलिसी चुनें ताकि आपकी जेब से कम से कम खर्च हो.
लिमिट या सब लिमिट वाला प्लान न लें अस्पताल में प्राइवेट रूम के किराए जैसी लिमिट से बचना चाहिए. आपके लिए यह जरूरी नहीं है कि इलाज के दौरान आपको किस कमरे में रखा जाए. खर्च के लिए कंपनी द्वारा लिमिट या सब लिमिट तय करना आपके लिए ठीक नहीं है.पॉलिसी लेते समय इस बात का ध्यान रखें. सब-लिमिट का मतलब री-इंबर्समेंट की सीमा तय करने से है. उदाहरण के लिए अस्पताल में भर्ती हुए तो कमरे के किराए पर बीमित राशि के एक फीसदी तक की सीमा हो सकती है. इस तरह पॉलिसी की बीमित राशि भले कितनी हो, सीमा से अधिक खर्च करने पर अस्पताल के बिल जेब से चुकाने पड़ सकते हैं.
को-पे का ऑप्शन न चुनें को-पे का मतलब होता है कि क्लेम की स्थिति में पॉलिसी धारक को खर्चों का कुछ फीसदी अपनी जेब से भरना होगा. इस सुविधा को कभी न लें. अक्सर लोग थोड़े पैसे बचाने और प्रीमियम को कम करने के लिए को-पे की सुविधा ले लेते हैं लेकिन यह गलती नहीं करनी चाहिए.
सही इंश्योरेंस लें, अपनी जरुरतों को समझें आप अपनी जरूरतों को समझकर सही हेल्थ इंश्योरेंस को चुनें. इंश्योरेंस कवर की राशि न बहुत ज्यादा और न ही बहुत कम का चुनें. इसके लिए आप एक्सपर्ट की सलाह भी ले सकते हैं.
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