Tata Sons Air India Share Price : देश की बड़ी एयरलाइन्स एयर इंडिया (Air India) को महंगे कर्ज से निकलने के लिए टाटा संस (Tata Sons) ने बड़ा प्लान तैयार किया है. आपको बता दे कि टाटा संस ने एयर इंडिया के सभी तरह के कर्ज को चुकाने के लिए 4 अरब डॉलर जुटाने की योजना बनाई है.
इक्विटी से पैसा होगा इखट्टा
सूत्रों के अनुसार टाटा संस इक्विटी (Tata Sons Equity) और हाइब्रिड डेट (Hybrid Date) के जरिए फंड जुटाएगी. कंपनी ने एयर इंडिया (Air India) के अधिग्रहण के लिए काफी महंगा कर्ज ले लिया था. अब वह इसे चुकाना चाहती है और साथ ही वह एयर इंडिया को मजबूत बनाने के लिए नई पूंजी डालना चाहती है.
इक्विटी फंड में आई कम
आपको बता दे कि टाटा संस ने अक्टूबर माह 2021 में एयर इंडिया का अधिग्रहण किया गया था. टाटा संस ने 2.3 अरब डॉलर की एंटरप्राइज वैल्यू पर यह समझौता किया गया था. सूत्रों का कहना है कि कंपनी के लिए पूंजी जुटाना तो आसान होगा, इक्विटी कंपोनेंट में समय लग सकता है. एयरलाइंस बिजनेस में निवेश करने वाले इक्विटी फंडों की संख्या कम है.
निवेश सलाहकार होंगे नियुक्त
मालूम हो कि टाटा ग्रुप इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स की नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द शुरू करेगा. कुछ विदेशी कर्ज देनेवाले और कुछ प्राइवेट इक्विटी फंडों के साथ कंपनी ने बातचीत शुरू कर दी है. डेट रिफाइनेंसिंग पोर्शन अपेक्षाकृत काफी आसान हो जाएगा. टाटा के मौजूदा बैंकिंग रिलेशनशिप के तहत आने वाले देने दार इसमें शामिल होंगे.
2,600 करोड़ रुपये का प्रोविजन
पिछले महीने आई दूसरी रिपोर्ट के अनुसार एयर एशिया इंडिया एयरलाइंस के कुल लॉस के लिए 2,600 करोड़ रुपये का प्रोविजन कर सकती है. इस साल जून में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने एयर एशिया इंडिया के इक्विटी शेयर के अधिग्रहण के एयर इंडिया के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी.
एयर इंडिया की घटी हिस्सेदारी
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2021 में घरेलू मार्केट में एयर इंडिया की हिस्सेदारी घटकर 10.2 फीसदी रह गई थी. जनवरी 2020 में यह 11.6 फीसदी थी. जुलाई 2022 में एयर इंडिया की बाजार हिस्सेदारी और घटकर 8.4 फीसदी पर आ गई. टाटा ग्रुप की 2 अन्य एयरलाइंस कंपनियों विस्तारा और एयर एशिया की बाजार हिस्सेदारी क्रमश: 10.4 फीसदी और 4.6 फीसदी रही थी.