डील के बारे में कही गई फिच की खास बातें -
टाटा को ये मिलेगा फायदा -
टाटा को इस अधिग्रहण के बाद भविष्य में होने वाली निवेश संबंधी चिंताओं को दूर करने के साथ साथ फिर से व्यापार में होने वाले घाटों से भी बचने का एक रास्ता होगा. इसके साथ ही टाटा ग्रुप मोबाइल बिजनेस से भी निकल जाएगा. दरअसल टाटा का टेलीकॉम सेक्टर अभी घाटे में चल रहा था और वोडाफोन के साथ आइडिया के विलय की खबरों के बाद से ही इस बात की लगातार चर्चाएं हो रहीं थी कि टाटा ग्रुप भी अपने कमजोर पड़े मोबाइल बिजनेस को बेचने वाला है.
एयरटेल को मिलेगा ये फायदा -
- इस डील के मुताबिक टाटा टेलिसर्विसेज और टाटा टेलिसर्विसेज महाराष्ट्र के चार करोड़ ग्राहक भारती एयरटेल के नेटवर्क में शामिल हो जाएंगे. इस तरह भारती एयरेटल के ग्राहकों की संख्या 28 करोड़ से बढकर 32 करोड़ तक पहुंच जाएगी.
- दूसरी ओऱ भारती एय़रटेल को 178.5 मेगाहर्ज स्पेक्ट्रम का फायदा मिलेगा जो 850, 1800 और 2100 मेगाहर्टज बैंड में आते हैं.
- इस सौदे का एयरटेल को एक बड़ा फायदा 800 मेगाहर्ट्ज बैंड में अतिरिक्त 43.4 मैगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम मिलने से हुआ है. एयरटेल का कहना था कि जिन सर्किल में टेलिनॉर सेवाएं मुहैया कराती है, वहां आबादी काफी ज्यादा है जिसकी वजह से कारोबार बढ़ाने की काफी बेहतर संभावनाएं हैं.
- फिच के अनुसार टाटा डोकोमो के एयरटेल के साथ जाने के बाद भारती का मार्केट शेयर में 4-5 फीसदी की बढ़ोतरी होगी और ये करीब 37-38 फीसदी तक पहुंच जाएगा.
- हालांकि इस मर्जर की घोषणा के तुरंत बाद ही भारती एयरटेल के शेयरो में कल 0.8 फीसदी की गिरावट आई थी पर आज ये शेयर 7.5 फीसदी से भी ज्यादा चढ़कर बंद हुआ है.
- फिच ने भी एयरटेल को इस डील से होने वाले फायदों के बारे में बताया है कि "आपरेशंस के बारे में कोई फैसला न करने की वजह से भारती के क्रेडिट प्रोफाइल में सुधार आएगा.
- भारती को स्पेक्ट्म और टाटा के फाइबर नेटवर्क का अलग से फायदा होगा. जाहिर तौर पर एयरटेल को सबसे बड़ा फायदा टाटा के ग्राहकों के तौर पर तो मिलेगा."
एयरटेल की कमाई पर पड़ेगा असर
फिच ने एयरटेल की कमाई पर डील के बाद पड़ने वाले असर को भी साफ किया है. फाइनेंशियल इयर 2017-2018 में जियो के साथ प्राइस कंपीटीशन की वजह से यह लगभग 5 फीसदी गिरेगी लेकिन फाइनेंशियल इयर 2018-2019 में एक बार फिर इसकी कमाई 3-5 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है.
डील पूरी होने में लगेंगे 12 महीने
फिच के अनुसार इस डील को पूरा होने में लगभग 12 महीने का वक्त लगेगा. इस डील में भारती एयरटेल टाटा के स्पेक्ट्रम बिजनेस के लगभग 1.5 बिलियन व्यापार पर ही कब्जा करेगी जिसके बाद उम्मीद है कि भारती पर कोई कर्ज नहीं बढ़ेगा.
जियो के साथ मुकाबले में काम आएगी ये डील
गौरतलब है कि जियो के बाजार में आने के बाद से एयरटेल लगातार उससे टक्कर लेने के लिए अलग अलग कंपनियों को अपने साथ जोड़ने का प्रयास भी कर रहा है. शुरुआती कई महीनों तक मुफ्त सेवा मुहैया कराने के बाद अब भी कंपनी काफी कम टैरिफ पर सेवाएं मुहैया करा रही है जिसकी वजह से पुरानी कंपनियों को अपनी दरों में कमी करनी पड़ी. अब इंटरकनेक्ट चार्ज में कमी करने के टेलिकॉम रेग्युलेटर ट्राई के फैसले से कंपनियो को अपनी दरें और कम करनी होंगी. दरअसल इंटरकनेक्ट चार्ज वो चार्ज है जो एक टेलिकॉम कंपनी उस दूसरी टेलिकॉम कंपनी को देती है जिसके नेटवर्क पर उसके ग्राहक कॉल करते हैं.