Tata Motors: देश की दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स (Tata Motors) ने हाल ही में अपने पैसेंजर कार बिजनेस और कॉमर्शियल वेहिकल बिजनेस से अलग करने का ऐलान किया था. अब टाटा ग्रुप की इस कंपनी ने अपनी फाइनेंस यूनिट टाटा मोटर्स फाइनेंस (Tata Motors Finance) का विलय टाटा कैपिटल (Tata Capital) में करने का फैसला लिया है. यह डील शेयर स्वैप के जरिए पूरी की जाएगी.


100 शेयर के बदले मिलेंगे 37 इक्विटी शेयर 


रेवेन्यू के हिसाब से देश की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स ने मंगलवार को घोषणा की कि टाटा मोटर्स फाइनेंस को एक शेयर स्वैप डील के तहत एनबीएफसी (NBFC) टाटा कैपिटल के साथ विलय कर दिया जाएगा. इस मर्जर से दोनों कंपनियों और उनके कस्टमर्स को फायदा होगा. कंपनी ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि योजना के अनुसार, टाटा मोटर्स फाइनेंस के शेयरहोल्डर्स को 100 इक्विटी शेयरों के लिए टाटा कैपिटल के 37 इक्विटी शेयर प्राप्त होंगे. 


नई कंपनी में टाटा मोटर्स की 4.7 फीसदी हिस्सेदारी


टाटा मोटर्स, टाटा कैपिटल और टाटा मोटर्स फाइनेंस के बोर्ड ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के स्कीम ऑफ अरेंजमेंट के तहत इस मर्जर को मंजूरी दे दी है. टाटा मोटर्स ने बयान जारी करते हुए बताया कि विलय को पूरा होने में भी लगभग एक साल लग जाएगा. डील पूरी होने के बाद नई कंपनी टाटा मोटर्स की 4.7 फीसदी हिस्सेदारी होगी. कंपनी ने कहा कि इस मर्जर से टाटा मोटर्स फाइनेंस के ग्राहकों या कर्जदाताओं पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.


कई तरह के लोन देती है टाटा कैपिटल


टाटा कैपिटल वेहिकल लोन के साथ-साथ हाउस और एजुकेशन लोन भी प्रदान करती है. टाटा मोटर्स के शेयर मंगलवार को एनएसई पर 4.79 फीसदी की गिरावट के साथ 904.95 रुपये पर बंद हुए. वित्त वर्ष 2024 में टाटा कैपिटल को 3150 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था. इसी अवधि में टाटा मोटर्स फाइनेंस का नेट प्रॉफिट 52 करोड़ रुपये रहा था. हालांकि, इस सौदे को रेगुलेटरी मंजूरी का इंतजार करना पड़ेगा.


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