ज्वैलरी, घड़ियां और चश्मे बेचने वाली टाटा समूह की कंपनी टाइटन की तीसरी तिमाही ( अक्टूबर-दिसंबर, 2020-21) के शुद्ध मुनाफे में 11 फीसदी की गिरावट आई है. हालांकि इस दौरान कंपनी के रेवेन्यू में 18 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई है. कंपनी के ज्वैलरी कारोबार में अच्छी मजबूती देखने को मिली, लेकिन घड़ी और चश्मों के कारोबार में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई है.


ज्वैलरी बिजनेस बढ़ा लेकिन चश्मा और घड़ी कारोबार में गिरावट 


तीसरी तिमाही में कंपनी के ज्वैलरी बिजनेस में शानदार बढ़त दर्ज की गई है. कंपनी की ज्वैलरी सेल्स पिछले साल की तीसरी तिमाही की 5409 करोड़ रुपये की तुलना में बढ़कर 6589 करोड़ रुपये रही. हालांकि तीसरी तिमाही में घड़ियों की बिक्री पिछले साल की तीसरी तिमाही के 625 करोड़ रुपये से घटकर 550 करोड़ रुपये पर रही. आईवेयर की बिक्री में कमी आई है और यह 133 करोड़ से घटकर 124 करोड़ रुपये पर पहुंच गई.  कुछ ब्रोकरेज हाउस में टाइटन कंपनी में निवेश की सलाह देते हुए लक्ष्य को 1800 रुपये तय किया है. कुछ ब्रोकरेज का कहना है कि कंपनी कोविड 19 के प्रभाव से उबर चुकी है और बिजनेस अब पटरी पर है. ज्वैलरी कारोबार में मजबूती आई है. मिडटर्म में कंपनी का ग्रोथ आउटलुक बेहतर है. स्टोर भी बढ़ रहे हैं जो बेहतर संकेत हैं.


कंपनी में निवेश की अच्छी संभावना 


कुछ ब्रोकरेज का मानना है कि कंपनी की बैलेंसशीट अच्छी है. पिछले कुछ अरसे से कंपनी ने आक्रामक मार्केटिंग और अपने प्रोडक्ट का दायरा भी बढ़ाया है. यहां तक कि छोटे शहरों में भी कंपनी के विस्तार की अच्छी योजना है. विश्लेषकों का कहना है की कंपनी के हर सेगमेंट में आगे अच्छा ग्रोथ दिखाई दे रहा है. कंपनी की ब्रांड स्ट्रेंथ और फ्रेंचाइजी बेस्ड बिजनेस मॉडल की वजह से आगे ग्रोथ जारी रहने की उम्मीद है. इसलिए टाइटन के शेयरों में निवेश किया जा सकता है.


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