टाटा ग्रुप ने अब फोन कंपोनेंट की मैन्यूफैक्चरिंग में उतरने का फैसला किया है. ग्रुप इसके लिए तमिलनाडु के होसुर में 5000 करोड़ रुपये की लागत से इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स बनाएगा. 'हिंदू बिजनेस लाइन' की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसमें ऐपल फोन के कंपोनेंट बनेंगे. दरअसल ऐप धीरे-धीरे अपना मैन्यूफैक्चरिंग बेस अमेरिका से बाहर ले जाना चाहता है. वैसे ऐपल के फोन बनाने वाली सबसे बड़ा मैन्यूफैक्चरर फॉक्सकॉन आईफोन 11 समेत दूसरे फोन की मैन्यूफैक्चरिंग तमिलनाडु के श्री पेरंबुदूर में कर रही है. टाटा ग्रुप की इलेक्ट्रॉनिक इकाई टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स  को तमिलनाडु इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ( TIDC) ने 500 एकड़ जमीन मुहैया कराई है.


टाटा संस के चेयरमैन की अगुआई में बन रहा है प्लान 


टाटा संस के ग्रुप चेयरमैन एन.चंद्रशेखरन की योजनाओं के मुताबिक टाटा संस की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स इस योजना को अमली जामा पहनाएगी. शुरुआत आईफोन कास्टिंग्स से होगी और फिर दक्षिण कोरिया, जापान की ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरर्स के साथ साझेदारी की जाएगी.


पीएलआई स्कीम का लाभ उठाना चाहती है ऐपल


भारत में मौजूद अधिकतर कंपनियां असेंबली लाइन के तौर पर काम कर रही हैं और इनकी मैन्यूफैक्चरिंग क्षमता काफी कम है. इसके चलते ज्यादातर स्मार्टफोन और कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरिंग के लिए चीन के अलावा दूसरे देशों में अपना मैन्यूफैक्चरिंग बेस स्थापित करने वाली ऐपल जैसी कंपनियां अब तक भारत नहीं आ रही थीं. अब टाटा संस कोशिश कर रहा है कि ऐपल जैसी कंपनियां आकर उसके साथ मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में साझेदारी करे. ऐपल के साथ पार्टनरशिप मेक इन इंडिया अभियान का हिस्सा होगी. ऐपल इसके जरिये सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव का लाभ उठाएगी.


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