Tata-Bisleri Deal: टाटा ग्रुप का बिसलेरी इंटरनेशनल प्राइवेट में हिस्सेदारी (Bisleri Water Supply Company) खरीदने को लेकर होने वाली डील अभी रुक गई है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बिसलेरी को खरीदने को लेकर बातचीत टाटा ग्रुप के साथ चल रही थी, लेकिन दोनो समूहों के बीच ये डील अभी रुकी हुई है. 


बिसलेरी इंटरनेशनल प्राइवेट (Bisleri International Private Ltd) के मालिक का प्लान कंपनी की हिस्सेदारी बेचकर इस डील से 1 अरब डॉलर जुटाना था. मामले के जानकार ने रिपोर्ट में बताया कि डील को लेकर रोड़ा आ गया है, क्योंकि कंपनियां मूल्यांकन पर सहमत नहीं हो पाई है. हालांकि ये चर्चा फिर से शुरू हो सकती है और इसे खरीदने के दावेदार सामने आ सकते हैं. टाटा और बिसलेरी (Tata Bisleri Deal) के प्रतिनिधियों ने टिप्पणी करने से इनकार किया है. 


बिसलेरी के साथ क्यों रुकी डील 


ब्लूमवर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि ये डील दोनों कंपनियों के बीच सहमति नहीं बन पाने के कारण रुकी हुई है. कंपनियों के वैल्यूवेशन को लेकर मामला स्पष्ट नहीं हो पाया है. ऐसे में अभी बातचीत रुकी हुई है. बिसलेरी टाटा को हिस्सेदारी बेचने के लिए बातचीत कर रहा था, ये बात बिसलेरी के अध्यक्ष रमेश चौहान ने नवंबर में एक इंटरव्यू में कही थीं.


भारत में बिसलेरी की बड़ी हिस्सेदारी 


बिसलेरी 1949 में आई थी. वेबसाइट के मुताबिक, 1969 में एक इतालवी उद्यमी से बिसलेरी को खरीदा गया था. भारत में बिसलेरी वाटर बिजनेस का 60 फीसदी कारोबार अपने पास रखे हुए है. कंपनी हैंड सैनिटाइजर भी बनाती है. वहीं टाटा समूह हिमालयन नेचुरल मिनरल वाटर और टाटा वाटर प्लस ब्रांड के साथ वाटर बिजनेस में है. अगर टाटा ग्रुप की बिसलेरी के साथ डील होती है तो ये वाटर बिजनेस में एक बड़ी कंपनी होगी. 


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