Ratan Tata: टाटा ग्रुप (Tata Group) को पूरी दुनिया में पहचान दिलाने वाले दिग्गज कारोबारी और समाजसेवी रतन टाटा (Ratan Tata) अब इस दुनिया में नहीं हैं. उनके बाद टाटा ट्रस्ट्स (Tata Trusts) की कमान उनके सौतेले भाई नोएल टाटा (Noel Tata) को सौंप दी गई है. हालांकि, टाटा संस (Tata Sons) की कमान अभी भी एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) के हाथ में ही रहेगी. नमक से लेकर एयरलाइन तक फैले इस कारोबारी समूह को लेकर अक्सर इन सभी शब्दों को आप सुनते रहते होंगे. क्या आपने कभी सोचा है कि आखिरकार इस बिजनेस ग्रुप के अंदर टाटा संस, टाटा ट्रस्ट्स और टाटा संस क्या जिम्मेदारी संभालते हैं. ये एक-दूसरे से कैसे और कितना अलग हैं. आइए आज आपको इन सभी के बारे में जानकारी देते हैं. 


165 अरब डॉलर रेवेन्यू और मार्केट वैल्यू 365 अरब डॉलर


टाटा ग्रुप की कंपनियों के करीब 10 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है. वित्त वर्ष 2023-24 तक टाटा ग्रुप का रेवेन्यू करीब 165 अरब डॉलर था. शेयर मार्केट पर 31 मार्च, 2024 तक इस बिजनेस ग्रुप की 26 कंपनियां लिस्टेड हैं. इनकी कुल मार्केट वैल्यू 365 अरब डॉलर है. 


टाटा संस (Tata Sons)


टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी और प्रमोटर टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (Tata Sons Pvt Ltd) है. यह एक एनबीएफसी (NBFC) थी. अब इसने आरबीआई को एनबीएफसी लाइसेंस सरेंडर कर दिया है. इसके साथ ही टाटा संस अब कोर इनवेस्टमेंट कंपनी (CIC) बन गई है. टाटा संस की ग्रुप की हर कंपनी में हिस्सेदारी होती है. अक्सर टाटा संस के चेयरमैन ही टाटा ग्रुप के चेयरमैन होते हैं. फिलहाल यह जिम्मेदारी एन चंद्रशेखरन के पास है. उन्होंने सायरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) के बाद जनवरी, 2017 में यह जिम्मेदारी संभाली थी.


इसकी स्थापना 1917 में मुंबई में हुई थी. टाटा संस ही टाटा ट्रेडमार्क की भारत और विदेश में मालिक है. इस ट्रेडमार्क का इस्तेमाल करने वाली हर कंपनी टाटा के कोड ऑफ कंडक्ट और बिजनेस मॉडल को मानने के लिए बाध्य होती है. इसके एक बड़े शेयरहोल्डर शपूरजी पलोनजी ग्रुप (Shapoorji Pallonji Group) हैं. इनके पास टाटा संस की करीब 18.5 फीसदी हिस्सेदारी है. 


टाटा ट्रस्ट्स (Tata Trusts)


टाटा ट्रस्ट्स की टाटा संस में 66 फीसदी हिस्सेदारी है. इसमें टाटा फैमिली के सदस्य शामिल हैं. यह टाटा बिजनेस ग्रुप की परोपकारी संस्था है. इसके अंदर कई ट्रस्ट चलते हैं, जो कि शिक्षा, स्वास्थ्य, कला, संस्कृति और रोजगार के क्षेत्र में सामाजिक कार्य करते हैं. इनमें सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट (Sir Dorabji Tata Trust) और सर रतन टाटा ट्रस्ट (Sir Ratan Tata Trust) शामिल हैं.


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