Tata Group को ऊंचाइयों पर ले जाने वाले दिग्गज का निधन, रतन टाटा हुए भावुक, कहा- भुलाए नहीं जा सकते
RK Krishna Kumar Passes Away: कृष्णकुमार के निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए रतन टाटा ने कहा कि इन्हें कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है.
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RK Krishna Kumar Passes Away: टाटा संस के पूर्व डायरेक्टर और रतन टाटा के बेहद करीबी माने जाने वाले आरके कृष्ण कुमार (RK Krishna Kumar) का 1 जनवरी को मुंबई में 84 साल की उम्र में निधन हो गया. डेथ कार्डियक अरेस्ट के कारण हुआ. वे Sir Dorabji Tata Trust और सर रतन टाटा (Ratan Tata) ट्रस्ट के ट्रस्टी भी थे, जिनकी टाटा संंस में 66 फीसदी हिस्सेदारी है.
आरके कृष्णकुमार का निधन रविवार शाम 6 बजे उनके घर पर कार्डियक अरेस्ट से हो गया. टाटा ग्रुप के अधिकारियों ने कहा कि उनका अंतिम संस्कार 3 जनवरी को शाम 4.30 बजे चंदनवाड़ी श्मशान घाट में किया जाएगा.
रतन टाटा के विश्वासपात्र थे कृष्णकुमार
टाटा संस (Tata Sans) के डायरेक्टर पद से रिटायर होने के बाद भी कृष्णकुमार टाटा ग्रुप के अन्य चीजों के साथ जुड़े रहे. वे टाटा एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस के सदस्य बने रहे और रतन टाटा की कंसल्टेंसी फर्म, आरएनटी एसोसिएट्स और ग्रुप के अन्य ट्रस्टों के साथ काम करना जारी रखा. कृष्णकुमार रतन टाटा के बेहद करीबी और विश्वासपात्र माने जाते थे.
रतन टाटा हुए भावुक
रतन टाटा ने कृष्ण कुमार के निधन पर दुख जताया और कहा कि मेरे दोस्त और सहपाठी आरके कृष्णकुमार के जाने से भारी क्षति पहुंची है. इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है. इन्हें हमेशा ग्रुप और व्यक्तिगत तौर पर कभी भुलाया नहीं जा सकता है. टाटा ट्रस्ट्स के अध्यक्ष रतन टाटा ने कहा कि वे टाटा ग्रुप और टाटा ट्रस्ट के दिग्गज थे और सभी को बहुत याद आएंगे.
केके नाम से मसहूर थे कृष्णकुमार
कृष्णकुमार केके नाम से जाने जाते थे. इन्होंने टाटा संस के डायरेक्टर पद पर रहते हुए कई बड़े फैसले लिए. उनके योगदान को टाटा ग्रुप के कई अधिग्रहणों के रूप में जाना जाता है, जिसमें 2000 में टेटली का £271 मिलियन खरीदारी शामिल है. इतना ही नहीं इन्होंने टाटा ग्लोबल बेवरेजेज को दुनिया के चाय निर्माताओं के मामले में दूसरे स्थान पर पहुंचा दिया. साथ ही टाटा समूह और भारत इंक को भी टॉप पर लेकर आए.
पद्म श्री से सम्मानित
2009 में केंद्र सरकार ने कुमार को भारतीय व्यापार और उद्योग में उनके योगदान के लिए चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया था. केके 1963 में चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज से टाटा ग्रुप में शामिल हुए थे. उनकी पहली पोस्टिंग टाटा इंडस्ट्रीज में हुई थी और वहां से वे टाटा के कई संस्थाओं-टाटा ग्लोबल बेवरेजेज और टाटा संस में काम किया था. कुमार ने 1997 से 2002 तक इंडियन होटल्स कंपनी का नेतृत्व किया था.
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