तेजी से बढ़ते ऑनलाइन ग्रॉसरी मार्केट में अपने पांव जमाने के लिए टाटा ग्रुप ऑनलाइन ग्रॉसरी कंपनी बिग बास्केट में हिस्सेदारी खरीद सकता है. बिग बास्केट में चीनी कंपनी अली बाबा का निवेश है. बिग बास्केट 1400-1500 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने की कोशिश में है. टाटा ग्रुप इसका फायदा उठा सकता है.
कई विदेशी निवेशक भी लगा सकते हैं पूंजी
बिजनेस अखबार मिंट के मुताबिक नई फंडिंग के बाद बिग बास्केट की कुल वैल्यूएशन 2 अरब डॉलर की हो सकती है. बिग बास्केट में टेमासेक इक्विटी जैसी विदेशी निवेश कंपनियां भी निवेश कर सकती हैं.खबरों के मुताबिक बिग बास्केट टाटा, टेमासेक और जेनरेशन इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट से फंड जुटा सकती हैं. कंपनी की इन निवेशकों से बातचीत चल रही है. बिग बास्केट अपना आईपीओ भी ला सकती है. इससे पहले ही वह कुछ पूंजी जुटा लेना चाहती है. कंपनी का आईपीओ अगले डेढ़ साल में आ सकता है. हालांकि इस सौदे के बारे में टाटा, टेमासेक समेत किसी भी पक्ष से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
ऑनलाइन ग्रॉसरी कारोबार में पैर जमाने की कोशिश
बिग बास्केट ने कुछ महीनों पहले गोल्डमैन सैक्स और मॉर्गन स्टेनली को फंड जुटाने में मदद के लिए नियुक्त किया था. कंपनी का इरादा इस राउंड की फंडिंग की जरिये अपनी वैल्यूएशन दो अरब डॉलर तक बढ़ाने का है. ई-रिटेल कंपनियों को सलाह देने वाले एक कंस्लटेंट ने कहा कि कोरोना संक्रमण ने रिटेलिंग का पूरा कॉन्सेप्ट बदल कर रख दिया है. भारत में अब ज्यादा से ज्यादा लोग ऑनलाइन खरीदारी को तरजीह दे रहे हैं. खास कर इस दौरान ऑनलाइन ग्रॉसरी सेगमेंट काफी तेजी से बढ़ा है. यह सेगमेंट निवेशकों को काफी आकर्षक लग रहा है. यही वजह है कि वे बिग बास्केट में निवेश करना चाहते हैं. ऑफलाइन रिटेल बाजार में टाटा ग्रुप की खासी हिस्सेदारी है लेकिन अब यह ऑनलाइन रिटेल सेगमेंट में अपनी मौजूदगी और मजबूत करना चाहता है.
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