टाटा मोटर्स ने अपने पैसेंजर व्हेकिल बिजनेस को अलग करने का फैसला किया है. अब टाटा मोटर्स की यह एंटिटी स्वतंत्र तौर पर काम करेगी. टाटा मोटर्स ने अपने शेयरधारकों से इसकी मंजूरी ले ली है. 5 मार्च को टाटा मोटर्स के शेयरधारकों टाटा मोटर्स के पैसेंजर व्हेकिल बिजनेस यूनिट को टीएमएल बिजनेस एनालिटिक्स सर्विसेज लिमिटेड में ट्रांसफर के लिए अनुमति दे दी. इसके पक्ष में कुल 215.41 करोड़ वोटों में से 215.32 वोट पड़े. इसका मतलब इसके पक्ष में 99.95 फीसदी वोट पड़े.
पैसेंजर वाहन बिजनेस 9,417 करोड़ रुपये का है
कंपनी ने कहा है कि इसका पैसेंजर वाहन बिजनेस 9,417 करोड़ रुपये का है. उसका कहना है कि पैसेंजर व्हेकिल बिजनेस को अलग करने का उसका प्लान इस साल मई-जून तक पूरा हो जाएगा. हालांकि इसने अपने बिजनेस के लिए पार्टनर के बारे में कोई फैसला नहीं किया है. हाल के दिनों में टाटा मोटर्स के पैसेंजर वाहन बिजनेस ने अच्छी ग्रोथ दिखाई है. इससे कंपनी उत्साहित है. यही वजह कि यह पैसेंजर वाहन बिजनेस को अलग करने का फैसला लेने में हिचक नहीं दिखा रही है.
जगुआर लैंड रोवर करेगी कॉस्ट कटिंग
इस बीच, टाटा मोटर्स के मालिकाना हक वाली ब्रिटेन की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी जगुआर लैंड रोवर ने अगले वित्त वर्ष में कॉस्ट कटिंग के लिए 2 हजार कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया है. जबकि इस समय पूरी दुनिया में जगुआर लैंड रोवर के करीब 40 हजार कर्मचारी काम करते है. जिनमें से कंपनी 2 हजार कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है. जगुआर लैड रोवर के अनुसार कंपनी साल 2025 से इलेक्ट्रिक गाड़ियों का निर्माण शुरू कर देगी. वहीं जगुआर के अनुसार कंपनी साल 2024 में अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार को लॉन्च करेगी.
टाटा मोटर्स ने साल 2008 में जगुआर लैंड रोवर को 1.7 बिलियन पाउंड में खरीदा था. इस सौदे में ब्रिटिश ब्रांड्स जगुआर के स्वामित्व वाले दो प्रभावी ब्रांड लानचेस्टर और रोवर भी शामिल थे.
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