Tata Play IPO: टाटा समूह की कंपनी टाटा प्ले के प्रस्तावित आईपीओ को शेयर बाजार के रेग्युलेटर सेबी ने मंजूरी दे दी है. टाटा प्ले देश की ऐसी पहली कंपनी है जिसने सेबी के पास गोपनीय तरीके से आईपीओ लाने के डॉक्यूमेंट जमा कराया था. अब टाटा प्ले को 16 महीने के भीतर अपडेटेड ड्रॉफ्ट पेपर सेबी के पास दाखिल करना होगा. नया ड्रॉफ्ट पेपर आम लोगों के पढ़ने के लिए भी उपलब्ध होगा.
डायरेक्ट टू होम कंपनी टाटा प्ले ने बीते वर्ष 29 नवंबर 2022 को सेबी, बीएसई और एनएसई के पास आईपीओ लाने के लिए डॉक्यूमेंट जमा कराया है. सेबी ने बीते वर्ष ही आईपीओ के लिए ड्रॉफ्ट पेपर (Draft Red Herring Prospectus ) गोपनीय तरीके से प्री-फाइलिंग करने के नियम को लागू किया है.
कॉफिडेंशियल फाइलिंग के तहत आईपीओ लाने वाली कंपनी को सेबी के पास प्राइवेट तरीके से रजिस्ट्रेशन फाइल करने के साथ आईपीओ लॉन्चिंग की तारीख के नजदीक आने तक ड्रॉफ्ट पेपर दाखिल करने की इजाजत होती है. इस नियम के तहत कंपनियों को ड्रॉफ्ट पेपर को गुप्त रखने में मदद मिलती है. ऑफर डॉक्यूमेंट्स को सेबी और एक्सचेंज तो देख सकते हैं लेकिन इसके अलावा कोई और नहीं देख सकता है. सेबी की अपनी प्रतिक्रिया जारी करने और कंपनी जब आईपीओ लॉन्च करने का मन बनाती है तो कंपनी को फिर से सेबी के पास अपडेटेड ड्रॉफ्ट पेपर दाखिल करना होता है.
टाटा प्ले ( पहले टाटा स्काई) 2000 से 2500 करोड़ रुपये आईपीओ के जरिए जुटा सकती है. टाटा स्काई में Disney समेत कई निवेशकों को आईपीओ के जरिए अपना हिस्से बेचना है. टाटा प्ले ने पांच इवेंस्टमेंट बैंक तय किए हैं जिसमें कोटक महिंद्रा कैपिटल, बैंक ऑफ अमेरिका, सिटी, मॉर्गन स्टैनली और आईआईएफएल शामिल हैं.
2004 के बाद टाटा समूह की ओर से किसी भी कंपनी का आईपीओ नहीं आया है. 2004 में करीब 18 साल पहले देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कसंलटेंसी सर्विसेज (TCS) का आईपीओ आया था. हालांकि टाटा समूह की दूसरी टाटा टेक्नोलॉजीज ने भी सेबी के पास आईपीओ लाने के लिए ड्रॉफ्ट पेपर दाखिल किया हुआ है जिसे रेग्युलेटर से मंजूरी मिलने का इंतजार है.
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