Natarajan Chandrasekaran: एक किसान परिवार में जन्म लेने के बाद देश के सबसे पुराने और सबसे बड़े औद्योगिक समूहों की कंपनियों के चेयरमैन बनना किसी सपने से कम नहीं है. ये कहानी है टाटा संस ( Tata Sons) के मौजूदा चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन ( Natarajan Chandrasekaran) की जिन्होंने टाटा समूह ( Tata Groups) की आईटी कंपनी टीसीएस ( TCS) में एक इंटर्न ( Intern) के तौर पर 35 साल पहले अपने करियर की शुरुआत की थी. आज  नटराजन चंद्रशेखरन टाटा संस ( Tata Sons) के चेयरमैन है. और उनकी सबसे बड़ी उलब्धि ये है कि टाटा संस ने चेयरमैन के पद पर रहते हुए उनके शानदार कार्यकाल के बाद लगातार दूसरी बार उन्हें फरवरी 2022 में अगले पांच सालों के लिए चेयरमैन के पद पर नियुक्त किया गया है. एन चंद्रशेखरन 2017 से टाटा संस के चेयरमैन पद पर बने हुए हैं और उनकी कहानी किसी भी युवा के लिए प्रेरणादायक है जो कॉरपोरेट जगत में अपनी जमीन तलाश रहा है. कॉरपोरेट जगत में किसी सीईओ की सफलता की इससे बेहतर कहानी कुछ नहीं हो सकती जो नटराजन चंद्रशेखरन की है. 



किसान परिवार से है ताल्लुक
नटराजन चंद्रशेखरन का जन्म तमिलनाडु के मोहनुर में 1963 में किसान परिवार में हुआ था. हर किसान परिवार अपने परिवार के सदस्य को किसानी करते देखना चाहता है. लेकिन एन चंद्रशेखरन की मंजिल कुछ और ही थी. जिस समय कम्प्यूटर बिरले नजर आते थे. एन चंद्रशेखरन को कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग से लगाव हो चुका था. सरकारी स्कूल में शिक्षा लेने के बाद उन्होंने कोयम्बटूर इंस्टीच्युट ऑफ टेक्नोलॉजी से अप्लायज साइंस में बैचलर डिग्री हासिल किया. तिरुचिरापल्ली के रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज से उन्होंने मास्टर ऑफ कंम्प्यूटर ऑफ अप्लीकेशन (MCA) की पढ़ाई पूरी की. 




1987 में टीसीएस में बतौर इंटर्न किया ज्वाइन
नटराजन चंद्रशेखरन ने एमसीए की पढ़ाई पूरी करने के हाद इंटर्न के तौर पर टीसीएस (Tata Consultancy Services) ज्वाइंन किया. फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. अगले दो दशकों में सफलता की सीढ़ी चढ़ते हुए वे टीसीएस के सीओओ 2007 में बने फिर उसके उसके बाद 2009 में महज 46 साल की उम्र में टीसीएस के सीईओ बन गए. इतने कम उम्र में टाटा समूह की किसी कंपनी के सीईओ बनने वाले नटराजन चंद्रशेखरन पहले व्यक्ति हैं.  टीसीएस में उनके दो दशकों के सफर के दौरान कंपनी देश में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी एम्पलॉयर बन गई. टीसीएस, रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाद आज देश की दूसरी सबसे वैल्यूएबल कंपनी है जिसका मार्केट कैपिटलाईजेशन करीब 12.50 लाख करोड़ रुपये है. 


2017 में बने टाटा संस के चेयरमैन 
रतन टाटा के टाटा संस के चेयरमैन पद छोड़ने के बाद सायरस मिस्त्री को टाटा संस का चेयरमैन नियुक्त किया गया. लेकिन चेयरमैन पद पर रहते हुए सायरस मिस्त्री का कार्यकाल बेहद विवादों भरा था. उन्हें उनके पद से हटाकर जनवरी 2017 में टाटा संस ने किसी बाहरी पर भरोसा करने की बजाये अपने समूह से ही नटराजन चंद्रशेखरन को चेयरमैन पद पर नियुक्त कर दिया. तब इंदिरा नूई से लेकर कई ग्लोबल कंपनियों के सीईओ, टाटा संस के चेयरमैन बनने के दौर में शामिल थे. नटराजन चंद्रशेखरन आज उस टाटा संस के चेयरमैन हैं जो टाटा समूह की सभी कंपनियों की होल्डिंग कंपनी होने के साथ प्रोमोटर भी है. 




एयर इंडिया के कॉकपिट में फिर टाटा सवार
टाटा समूह की सलाना रेवेन्यू 100 बिलियन डॉलर के भी ज्यादा है. एन चंद्रशेखरन समूह की अलग अलग कंपनी जिसमें टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, टाटा ग्लोबल बेवरेज, इंडियन होटल्स और टीसीएस के बोर्ड की अध्यक्ष भी हैं. टाटा समूह की करीब 29 कंपनियां शेयर बाजार में लिस्टेड है. जिनका मार्केट कैपिटलाईजेशन 2017 के शुरुआत में 120 अरब डॉलर था. लेकिन पहले पांच साल के उनके कार्यकाल में टाटा समूह की कंपनियों का मार्केट कैप तीन गुना बढ़ गया. इसी वर्ष फरवरी में जब उनके कार्यकाल को जब पांच सालों के लिए बढ़ाया गया तब टाटा समूह की कंपनियों का मार्केट कैप 183 फीसदी बढ़कर 23.8 लाख करोड़ रुपये हो गया था. इस वर्ष टाटा संस ने एयर इंडिया को सरकार से खरीद लिया. जो एयर इंडिया कभी टाटा की हुआ करती थी फिर से टाटा समूह उसके कॉकपिट में सवार हो चुका है जिसका श्रेय एन चंद्रशेखरन को जाता है. 


पद्म विभूषण से सम्मानित
इस वर्ष एन चंद्रशेखरन को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है. वे आरबीआई के बोर्ड में डॉयरेक्टर पद पर भी रह चुके हैं. उन्होंने फोटोग्राफी का बेहद शौक है साथ ही मेराथन में भागद लेना उनकी हॉबी है इसलिए टाटा समूह में वे मेराथन मैन के तौर भी जाने जाते हैं. 


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