Tata Group: टाटा ग्रुप की पैरेंट कंपनी टाटा संस (Tata Sons) को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के अपर लेयर एनबीएफसी (Upper Layer NBFC) नियमों के अनुसार, आईपीओ लाना है. अब टाटा संस पर आईपीओ लाने के लिए उसके शेयरहोल्डर भी दबाव बनाने लगे हैं. हालांकि, कंपनी किसी भी हाल में आईपीओ न लाने का मन बना चुकी है. उसने वित्त वर्ष 2024 में 21,813 करोड़ का कर्ज चुकाकर खुद को अपर लेयर एनबीएफसी (Non Banking Finance Company) के दायरे से बाहर लाने की कोशिश की थी. अब वह आरबीआई को अपना एनबीएफसी रजिस्ट्रेशन (NBFC Registration) सरेंडर करना चाहती है ताकि कोर इनवेस्टमेंट कंपनी (Core Investment Company) ही बनी रहे और उसे आईपीओ न लाना पड़े.


एसपी ग्रुप ने टाटा संस से की आईपीओ लाने की डिमांड 


सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि एसपी ग्रुप (SP Group) ने टाटा संस पर आईपीओ लाने का दबाव डाला था. एसपी ग्रुप की टाटा संस में 18.5 फीसदी हिस्सेदारी है. टाटा संस शेयरहोल्डर्स की सोमवार को हुई सालाना बैठक में एसपी ग्रुप ने यह मसला उठाया था. एसपी ग्रुप का मानना है कि लिस्टिंग से उसकी हिस्सेदारी की वैल्यू बढ़ेगी और वह अपना कर्ज कम करने के लिए पर्याप्त पूंजी जुटा पाएंगे. हालांकि, टाटा संस इसके पक्ष में नहीं है. उसे उम्मीद है कि जल्द ही उसका एनबीएफसी रजिस्ट्रेशन कैंसिल हो जाएगा और उसे आईपीओ लाने से मुक्ति मिल जाएगी. 


खुद को कोर इनवेस्टमेंट कंपनी बनाना चाहती है टाटा संस 


हालांकि, इस मसले पर फिलहाल टाटा ग्रुप या एसपी ग्रुप कुछ भी बताने से इंकार कर रहे हैं. आरबीआई ने अपने सर्कुलर में कहा था कि सभी अपर लेयर एनबीएफसी को सितंबर, 2025 तक खुद को स्टॉक मार्केट पर लिस्ट करना होगा. इसकी वजह से टाटा संस को भी आईपीओ लाना पड़ेगा. मगर, टाटा संस ऐसा नहीं करना चाहती इसलिए उसने अपना सारा कर्ज भी जल्दी चुका दिया था. इसके बाद आरबीआई को जानकारी देते हुए खुद को कोर इनवेस्टमेंट कंपनी के तौर पर रजिस्ट्रेशन करने के लिए एप्लीकेशन भी दी थी. वित्त वर्ष 2024 की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के रेवेन्यू में 25 फीसदी उछाल आई है. यह 43,893 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. इसके अलावा उसका मुनाफा भी 41,116.51 करोड़ रुपये रहा है.


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